Gujarat Election 2022 : गुजरात चुनाव की घोषणा से पहले ही प्रदेश में आम आदमी पार्टी (आप) एक्टिव नजर आ रही है. इस बार गुजरात में मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार हैं. पहले प्रदेश में भाजपा पूरी तरह से मजबूत दिख रही थी लेकिन ‘आप’ के चुनावी मैदान में आ जाने से अब मुकाबला रोचक हो चुका है. कांग्रेस भी गुजरात चुनाव में अपना दम दिखाने के लिए रेडी है. पार्टी की ओर से सितंबर के अंत में उम्मीदवारों की सूची जारी करने का काम शुरू कर दिया जाएगा. इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि गुजरात बदलाव की मांग कर रहा है. ‘आप’ के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया जल्द ही लोगों की मांग को पूरा करने के लिए भाजपा शासित राज्य में मार्च निकालेंगे. हालांकि, ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्विटर पोस्ट में इस बात का जिक्र नहीं किया कि सिसोदिया गुजरात में बदलाव के लिए कब पहुंचेंगे.
दिल्ली के मुख्यमंत्री और ‘आप’ के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने एक ट्वीट में कहा कि गुजरात की मांग है कि प्रदेश में बदलाव हो जल्द ही मनीष सिसोदिया जी गुजरात में निकालेंगे यात्रा. उन्होंने कहा कि बस, अब परिवर्तन चाहिए…केजरीवाल के ट्वीट का जवाब ‘आप’ की गुजरात इकाई के प्रमुख गोपाल इटालिया ने दिया है. उन्होंने लिखा कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री सिसोदिया का उनके दौरे से पहले स्वागत है. गोपाल इटालिया ने गुजरात के लोगों से अपील की कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में “शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और रोजगार के मुद्दे पर” केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी को वोट देकर “बदलाव” लाएं…
गुजरात बदलाव माँग रहा है।
जल्द ही मनीष सिसोदिया जी गुजरात में निकालेंगे यात्रा-
“बस, अब परिवर्तन चाहिए”
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) September 10, 2022
यहां चर्चा कर दें कि गुजरात के मतदाताओं को लुभाने के लिए अरविंद केजरीवाल ने गुजरात में स्कूली शिक्षा प्रणाली में आमूल-चूल बदलाव समेत कई ‘‘गारंटी” दी हैं. केजरीवाल ने राज्य में सभी को मुफ्त और अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं, हर घर को प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली, हर युवा को नौकरी, बेरोजगारों को 3,000 रुपये का मासिक बेरोजगारी भत्ता और 18 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को 1,000 रुपये का मासिक भत्ता देने का भी वादा कर चुके हैं.
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यदि आपको याद हो तो साल 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पहले की तुलना में अच्छा प्रदर्शन किया था जिससे पार्टी को बल मिला था. गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 77 जबकि भारतीय जनता पार्टी यानी भाजपा को 99 सीटों पर जीत मिली थी. हालांकि बाद के वर्षों में कांग्रेस के कई विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया था.