Gujarat Election 2022: कुछ दिनों के बाद गुजरात में विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग बिगुल फूंक देगा. इसको लेकर सभी पार्टियां तैयारी में जुट गयी है. जहां पिछले चुनाव यानी 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबला देखा गया था. वहीं इस बार आम आदमी पार्टी यानी आप के चुनावी मैदान पर उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो चला है. गुजरात की सभी 182 सीटों में से पिछले चुनाव में कांग्रेस और भाजपा दो ही मुख्य दल चुनाव मैदान में थे.
2017 के विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो इस साल भाजपा को 99 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि कांग्रेस ने 77 सीटों पर कब्जा जमाया था. इस बार कांग्रेस की स्थिति अच्छी नजर नहीं आ रही है. उसके पास प्रदेश में कोई बड़ा चेहरा नहीं है. सोनिया गांधी के करीबी कहे जाने वाले अहमद पटेल के निधन के बाद से गुजरात कांग्रेस में चिंता बढ़ गयी है. वहीं पिछले दिनों हार्दिक पटेल ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है. इधर आप के चुनाव लड़ने के फैसले के बाद भाजपा और कांग्रेस टेंशन में आ गये हैं.
इस बीच आइए साणंद विधानसभा सीट पर नजर डालते हैं. गुजरात के गांधीनगर सीट से अमित शाह सांसद हैं जहां की साणंद विधानसभा सीट भाजपा के लिए बहुत ही अहम है. आपको बता दें कि 2012 में साणंद सीट अस्तित्व में आयी थी. यहां अबतक दो बार चुनाव हुए हैं, इनमें एक बार कांग्रेस और एक बार भाजपा ने जीत का परचम लहराया है.
गुजरात के गांधीनगर में स्थित साणंद विधानसभा सीट की बात करें तो इसका अस्तित्व 1972 में समाप्त हो गया था. इस सीट का विलय सरखेज विधानसभा सीट में हो गया था. 2012 के परिसीमन हुआ जिसके बाद यह सीट फिर अस्तित्व में आयी और पहला चुनाव साल 2012 में हुआ. इस चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी करमसी पटेल ने पार्टी को यहां से जीत दिलायी. 2017 के विधानसभा चुनाव में करमशी पटेल के बेटे कनु भाई पटेल भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और जीते.
गांधीनगर की साणंद सीट पर सबसे ज्यादा पाटीदार और क्षत्रिय वोटरों की संख्या है. इन दोनों के वोट ही चुनाव परिणाम को तय करने का काम करती है. वर्तमान में साणंद सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या करीब ढाई लाख हैं. गांधीनगर लोकसभा के अंतर्गत आने वाली इस सीट पर जीत दर्ज करना भाजपा के लिए जरूरी है.
गुजरात की साणंद सीट के वोटरों की बात करें तो यहां के ज्यादातर लोग खेती और उद्योगों पर निर्भर हैं. इस इलाके में औद्योगीकरण का सबसे ज्यादा विकास नजर आया है जिस कारण यहां पर रोजगार की समस्या नहीं है. यहां पर विकास के नाम पर वोट नहीं मांगा जा सकता है क्योंकि यह एक विकसित क्षेत्र है. हालांकि खबर ये हैं कि इस सीट पर भाजपा किसी नये चेहरे को उम्मीदवार बना सकती है.