गुजरात के सूरत में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत स्वतंत्रता सेनानियों की थीम से गणेश पंडाल को सजाया गया है. यह पंडाल लोगों के लिए आक्रषण का केंद्र बना. बता दें कि भारत अपनी आजादी के 75 साल पूरे कर चुका है, जिसे लेकर देशभर में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.
गणेश पूजा के दौरान लगाए गए पंडाल में भगवान गणेश की मूर्ती के साथा-साथ देश की स्वतंत्रता सेननी रानी लक्ष्मीबाई की मूर्ती भी लगाई गई. इस तस्वीर के जरिए आप देख सकते हैं कि रानी लक्ष्मी बाई ने अपनी पीठ पर बच्चे बांध और हांथों में तलवार लिए युद्ध के मैदान में अग्रेजों से मुकाबला कर रहीं हैं. इस तस्वीर को लोगों ने सोशल मीडिया पर भी जमकर शेयर किया है.
सूरत के गणेश पंडाल में यह तस्वीर लोगों के दिलों में बस गई है. भगवान गणेश की मूर्ती के पास लगे राजगुरु, भगत सिंह और सुखदेव की यह तस्वीर है. अग्रेजों द्वारा हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी दी गई थी. तस्वीर को लगाए जाने का मुख्य मकसद लोगों को स्वतंत्रता सेनानियों की देश के लिए दी गई कुरबानी को याद दिलाना है.
पंडाल के आयोजकों के अनुसार स्वतंत्रता दिवस का मुख्य मकसद समाज में छूआछूत को खत्म करना और सभी भारतीय को एकजुट करना है. भगवना गणेश की मूर्ती के आसपास सरोजिनी नायडू, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, रविंद्रनाथ टैगोर समते कई स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीर लगाई गई है.
पंडाल आयोजक ने बताया कि गणेश पूजा के दौरान स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरों के माध्यम से आम आदमी का ज्ञानवर्धन हो सके. उन्होने कहा कि हम सभी को अपने स्वातंत्रता सेनानियों को याद रखा जा सके, ही एक आंदोलन का स्वरुप दिया जिस ने ब्रिटिश सामाराज्य की नीव हिलाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया.