Gujarat Riots: SC में 2002 के गुजरात दंगों पर जाकिया जाफरी की याचिका खारिज, जानें क्या है पूरा मामला

Gujarat Riots: साल 2002 में हुए गुजरात दंगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई अन्य लोगों को एसआईटी की ओर से क्लीन चिट दे दी गई थी. जिसके बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी रिपोर्ट के खिलाफ दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 24, 2022 11:23 AM

Gujarat Riots: साल 2002 के गुजरात दंगों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई अन्य लोगों को विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से दी गई क्लीन चिट के खिलाफ दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. आपको बता दें कि जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली एक बेंच ने 9 दिसंबर, 2021 को दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.

जाकिया जाफरी ने सुप्रीम कोर्ट को दायर की थी याचिका

कांग्रेस विधायक एहसान जाफरी 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद में गुलबर्ग सोसाइटी में हुई हिंसा के दौरान मारे गए 69 लोगों में शामिल थे. जिसके बाद उनकी पत्नी जाकिया जाफरी ने राज्य में दंगों के दौरान गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 64 लोगों को एसआईटी की क्लीन चिट को चुनौती दी और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. जाकिया जाफरी का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने इससे पहले न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ से कहा था कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री की किसी भी कथित संलिप्तता के बारे में बिल्कुल भी तर्क नहीं दिया है और वे एक बड़ी साजिश के मुद्दे पर हैं, जो था विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जांच नहीं की.

एसआईटी ने किया विरोध

एसआईटी ने जाफरी की याचिका का विरोध करते हुए गोधरा हत्याकांड के बाद सांप्रदायिक दंगे भड़काने में किसी भी “बड़ी साजिश” से इनकार किया. यही नहीं साल 2017 में में गुजरात हाईकोर्ट ने भी एसआइटी की रिपोर्ट के खिलाफ जकिया की विरोध शिकायत को खारिज कर दिया था. एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इस मामले में एफआईआर या चार्जशीट दर्ज करने के लिए कोई आधार नहीं मिला. जाकिया की शिकायत पर जांच भी की गई, लेकिन कुछ नहीं मिला.

जाकिया जाफरीने सुप्रीम कोर्ट में कही थी ये बात

वहीं सुप्रीम कोर्ट में अपनी याचिका में, जकिया ने कहा था “याचिकाकर्ता के संबंध में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 173 (8) के तहत आगे की जांच करने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) को अंतरिम आदेश दें. 8 जून 2006 की शिकायत, और 15 अप्रैल, 2013 की विरोध याचिका के माध्यम से विद्वान के समक्ष रखे गए साक्ष्य.” आपको बता दें कि साल 2012 में एसआईटी ने जांच रिपोर्ट दाखिल की, जिसके बाद नरेंद्र मोदी सहित 64 लोगों को क्लीन चिट दी गई थी.

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