23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Gujarat Riots: कौन हैं तीस्ता सीतलवाड़ और क्या है उनपर आरोप ?

तीस्ता सीतलवाड़ से फंड के दुरुपयोग के मामले में एटीएस की टीम पूछताछ करेगी. सीतलवाड़‍ के साथ-साथ एटीएस ने पूर्व डीजीपी बी श्रीकुमार को भी हिरासत में लिया है.

गुजरात दंगा 2002 (Gujarat Riots) से जुड़े मामले को लेकर गुजरात एटीएस की टीम ने तीस्ता सीतलवाड़ को मुंबई से हिसारत में लिया है. तीस्ता सीतलवाड़ (teesta setalvad) को हिरासत में लेने के बाद गुजरात एटीएस की टीम सांताक्रूज थाने ले गयी, फिर वहां से अहमदाबाद ले जा रही है.

फंड के दुरुपयोग के मामले में होगी तीस्ता से पूछताछ

तीस्ता सीतलवाड़ से फंड के दुरुपयोग के मामले में एटीएस की टीम पूछताछ करेगी. सीतलवाड़‍ के साथ-साथ एटीएस ने पूर्व डीजीपी बी श्रीकुमार को भी हिरासत में लिया है.

Also Read: गुजरात दंगा 2002: सुप्रीम कोर्ट ने जाकिया जाफरी की चुनौती याचिका खारिज की, जानिए क्या है पूरा मामला

तीस्ता ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उठाया था सवाल

2002 में हुए गुजरात दंगों के मामलों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को एसआईटी की तरफ से क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ याचिका खारिज करने के उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर टिप्प्णी करते हुए तीस्ता सीतलवाड़ ने कहा था कि, जकिया जाफरी मामले में फैसला सुनाया गया और ठीक दो मिनट में निर्णय आ गया. 8 फरवरी, 2012 की एसआईटी रिपोर्ट को उच्चतम न्यायालय ने पूरी तरह से स्वीकार कर लिया है. 15 अप्रैल, 2013 को दाखिल विरोध याचिका को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया. उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि कानून के शासन का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है, और इसलिए अपील खारिज कर दी गई है. सीतलवाड़ ने पूरी कानूनी लड़ाई के दौरान जकिया जाफरी का समर्थन किया.

तीस्ता सीतलवाड़‍ पर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने जाकिया जाफरी की याचिका खारिज करते हुए तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ की जांच की और जरूरत बताई थी. सुप्रीम कोर्ट ने दंगे में मारे गए कांग्रेस नेता एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी की याचिका खारिज कर दी थी. जकिया ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान एक बड़ी साजिश का आरोप लगाया था और उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी. इसने कहा कि प्रतिवादियों को याचिकाकर्ता नंबर दो के रूप में कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के शामिल होने पर भी गंभीर आपत्ति थी, क्योंकि जिस विरोध याचिका पर आक्षेपित आदेश पारित किया गया था और अपील में चुनौती दी गयी थी, वह जकिया जाफरी द्वारा ही दायर की गयी थी. पीठ ने कहा कि सीतलवाड़ के अनुसार, वह मानवाधिकारों के मसले की वास्तविक समाजसुधारक हैं और न्याय की तलाश के लिए इस मामले पर बारीकी से नजर रख रही हैं.

कौन हैं तीस्ता सीतलवाड़ और क्या है आरोप

तीस्ता सीतलवाड़ एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं और गुजरात दंगों के पीड़ितों की लड़ाई लड़ रही हैं. उनपर विदेश से आये धन के दुरुपयोग और धोखाधड़ी का आरोप है. 2013 में अहमदाबाद स्थित गुलबर्ग सोसाइटी के 12 निवासियों ने तीस्ता के खिलाफ जांच की मांग की थी. सोसाइटी के लोगों ने आरोप लगाया था कि तीस्ता ने गुलबर्ग सोसाइटी में एक म्यूजियम बनाने के लिए विदेश से करीब डेढ़ करोड़ रुपये जमा किये, लेकिन उन पैसों का सही इस्तेमाल नहीं हुआ. फिर 2014 में तीस्ता और उनके पति जावेद आनंद के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज की.

गृह मंत्री अमित शाह ने भी खास बातचीत में तीस्ता सीतलवाड़ का लिया नाम

गृह मंत्री अमित शाह ने न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ खास बातवीत में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि जाकिया जाफरी किसी और के निर्देश पर काम करती थी. NGO ने कई पीड़ितों के हलफनामे पर हस्ताक्षर किए और उन्हें पता भी नहीं है. सब जानते हैं कि तीस्ता सीतलवाड़ की NGO ये सब कर रही थी. उस समय की आई UPA की सरकार ने NGO की बहुत मदद की है.

एहसान जाफरी 2002 को हुई हिंसा के दौरान मारे गए 68 लोगों में शामिल थे

कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद एहसान जाफरी अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी में 28 फरवरी, 2002 को हुई हिंसा के दौरान मारे गए 68 लोगों में शामिल थे. यह हिंसा गोधरा में ट्रेन की बोगी में आग लगाये जाने की घटना के एक दिन बाद हुई थी. गोधरा ट्रेन अग्निकांड में 59 लोगों की जान चली गई थी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें