मिसाल : 67 की उम्र में बुजुर्ग महिला ने पूरी की पीएचडी, कम उम्र में शादी हो जाने के कारण छोड़ना पड़ा था कॉलेज
Gujarat Woman Earns PhD Degree At The Age Of 67 रिटायमेंट की उम्र में गुजरात की एक 67 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने अपने पढ़ाई का सपना पूरा करते हुए पीएचडी (PhD) की डिग्री हासिल की है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ऊषा लोदया (Usha Lodaya) ने बताया कि मेरे माता-पिता चाहते थे कि शादी के बाद भी मैं अपनी पढ़ाई को जारी रखूं, लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारी के कारण ऐसा करना मेरे लिए संभव नहीं हो सका. उन्होंने बताया कि अपने गुरुजी से प्रेरित होकर मैंने तीन साल के स्नातक पाठ्यक्रम में शामिल होने को निर्णय लिया.
Gujarat Woman Earns PhD Degree At The Age Of 67 रिटायमेंट की उम्र में गुजरात की एक 67 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने अपने पढ़ाई का सपना पूरा करते हुए पीएचडी (PhD) की डिग्री हासिल की है. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ऊषा लोदया (Usha Lodaya) ने बताया कि मेरे माता-पिता चाहते थे कि शादी के बाद भी मैं अपनी पढ़ाई को जारी रखूं, लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारी के कारण ऐसा करना मेरे लिए संभव नहीं हो सका. उन्होंने बताया कि अपने गुरुजी से प्रेरित होकर मैंने तीन साल के स्नातक पाठ्यक्रम में शामिल होने को निर्णय लिया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वडोदरा की रहने वाली ऊषा लोदया ने बीस साल की उम्र में कॉलेज की पढ़ाई छोड़ दी थी और लगभग साठ साल की उम्र में फिर से अपनी पढ़ाई शुरू की. उन्होंने लंबे समय के बाद पढ़ाई शुरू करते हुए डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की. ऊषा लोदया ने महाराष्ट्र में स्थित शत्रुंजय अकादमी में जैन धर्म के कोर्स में एडमिशन लिया और जैन धर्म में डॉक्टरेट की डिग्री भी हासिल की है. शत्रुंजय अकादमी समुदाय के सदस्यों के बीच जैन धर्म के ज्ञान के प्रचार के लिए स्थापित एक संस्था है.
Gujarat | A woman from Vadodara earns PhD degree at the age of 67.
— ANI (@ANI) June 24, 2021
My parents wanted me to continue studies after marriage but I couldn't continue and focused on my family. But now I am satisfied. I was inspired by my guruji to join 3-year graduation course: Usha Lodaya pic.twitter.com/S8fTjyhyG6
जानकारी के मुताबिक, ऊषा लोदया ने जैन धर्म में तीन साल का डिग्री सिलेबस, उसके बाद दो साल का मास्टर्स और फिर तीन साल का डॉक्टरेट सिलेबस को पूरा किया. ऊषा लोदया ने अपना दशकों पुराना सपना पूरा किया और लंबे अंतराल के बाद पढ़ाई करते हुए डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की. उन्होंने बताया कि बीते कई सालों पहले, जब मैंने विज्ञान स्नातक सिलेबस में एडमिशन लिया था, उस समय से ही डॉक्टर बनने का मेरा सपना था.
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