गुलाम नबी आजाद को लेकर शुक्रवार का एक खबर आयी जिसके अनुसार वे कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं. इस खबर के प्रकाश में आने के बाद वरिष्ठ राजनेता और नवगठित ‘डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी’ के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस में लौटने का कोई इरादा नहीं है. आपको बता दें कि आजाद ने इस साल की शुरुआत में कांग्रेस के साथ अपने 52 साल पुराने जुड़ाव को तोड़ दिया था.
वरिष्ठ राजनेता और नवगठित ‘डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी’ के प्रमुख गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पुरानी पार्टी में उनकी वापसी का सुझाव कांग्रेस में कुछ निहित स्वार्थ वाले नेताओं द्वारा दिया गया है और इसमें कोई सच्चाई नहीं है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री आजाद ने कहा कि मैंने कभी किसी कांग्रेस नेता से बात नहीं की और न ही किसी ने मुझे फोन किया. इसलिए मुझे हैरानी है कि मीडिया में इस तरह की खबरें क्यों डाली जाती हैं.
गुलाम नबी आजाद ने आगे कहा कि ये प्रयास कांग्रेस नेताओं द्वारा उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के भीतर अनिश्चितता की भावना पैदा करने और उन्हें हतोत्साहित करने के लिए किये गये थे. उन्होंने कहा कि जो भी हो, हम और मजबूत होकर उभरेंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या वह अगले महीने जम्मू-कश्मीर में प्रवेश करने वाली राहुल गांधी की अगुवाई वाली ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में शामिल होंगे, आजाद ने कहा कि मेरी ऐसी कोई योजना नहीं है. मेरे पास अपने ही बहुत काम हैं.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अखिलेश प्रसाद सिंह, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अंबिका सोनी को गुलाम नबी आजाद और कांग्रेस के बीच की खाई को पाटने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. अंबिका सोनी आजाद के साथ अच्छे राजनीतिक संबंध रखने वाली गांधी परिवार की पुरानी भरोसेमंदों में से एक है. मामले से वाकिफ लोगों के मुताबिक अंबिका सोनी ने आजाद से पहले यात्रा में आने और फिर राहुल गांधी से बात करने को कहा है क्योंकि जाते वक्त उन्होंने उन पर सीधा हमला बोला था.
भाषा इनपुट के साथ