राजस्थान में नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर महापंचायत बुलाई गयी थी. महापंचायत में गुर्जरों को सबसे पिछड़े वर्ग (एमबीसी) के रूप में शामिल करने की मांग की गयी. गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि मैं सरकार को चेतावनी दे रहा हूं. आज का आंदोलन आसान था, लेकिन स्थिति को देखते हुए, मैं सरकार को एक बार फिर से कुछ समय दे रहा हूं. हम 1 नवंबर को निर्णय लेंगे – हमारी मांगें पूरी होंगी या हम आंदोलन शुरू करेंगे.
बैंसला ने कहा कि खेती बाड़ी के काम एवं त्योहारी सीजन को देखते हुए हमने एक नवंबर तक का समय रखा है. उन्होंने कहा कि सरकार को भी एक नवंबर तक का समय मिल गया है. उसके बाद भी अगर मांगों पर काम नहीं हुआ, तो समाज आकर पटरी पर बैठ जाएगा. सरकार की ओर से आला अधिकारियों की कर्नल बैंसला से बातचीत के बारे में उन्होंने कहा कि अधिकारी कोई ठोस प्रस्ताव लेकर नहीं आए, जबकि हम चाहते हैं कि हमारी मांगों पर काम हो.
गौरतलब है कि गुर्जरों की इस महापंचायत को देखते हुए भरतपुर के बयाना में चौकसी बढ़ा दी गयी थी और आला अधिकारियों को सचेत रहने का निर्देश दिया गया था. जयपुर से आईएएस अधिकारी नीरज के पवन भी बैंसला से मिले थे और वार्ता की पेशकश की थी. कई इलाकों में इंटरनेट भी बंद कर दिया गया था.
समिति की प्रमुख मांगों में आरक्षण को केंद्र की 9वीं अनुसूची में शामिल करवाना, बैकलॉग की भर्तियां निकालने और प्रक्रियाधीन भर्तियों में पूरे 5 फीसदी आरक्षण का लाभ दिया जाना शामिल है. जयपुर में भाजपा ने इस मामले में कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उसने मामले को उलझाया है और वह केवल गुर्जरों को आश्वासन देकर काम चला रही है.
Posted By: Pawan Singh