धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी मामले में राम रहीम ने हाईकोर्ट में दाखिल किया अग्रिम जमानत याचिका, आज होगी सुनवाई
एसआईटी की अर्जी पर फरीदकोट के ट्रायल कोर्ट ने डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम को प्रोडक्शन वारंट पर लाने की अनुमति देते हुए उसे 29 अक्टूबर को न्यायालय में पेश करने का आदेश दिया था.
चंडीगढ़ : सिखों के धार्मिक ग्रंथ के पावन स्वरूप की बेअदगी के मामले में फरीदकोट के ट्रायल कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट जारी होने के बाद गुरमीत राम रहीम ने गिरफ्तारी से बचने के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की है. उसकी इस याचिका पर गुरुवार को सुनवाई होगी.
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, एसआईटी ने गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरुग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप की चोरी और बाद में इसकी बेअदबी के मामले में जांच के लिए राम रहीम से पूछताछ के लिए अदालत से इजाजत मांगी थी. एसआईटी की अर्जी पर फरीदकोट के ट्रायल कोर्ट ने डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम को प्रोडक्शन वारंट पर लाने की अनुमति देते हुए उसे 29 अक्टूबर को न्यायालय में पेश करने का आदेश दिया था.
रिपोर्ट्स में बताया गया है कि बरगाड़ी बेअदबी से जुड़ी तीन घटनाओं में से सिखों के धर्मग्रंथ के पावन स्वरूप चोरी के केस में एसआईटी ने पहले से ही गुरमीत राम रहीम को चार्जशीट किया है. पंजाब पुलिस की एसआईटी ने हाल ही में पावन स्वरूप चोरी करने और विवादित पोस्टर लगाने की घटनाओं में डेरा सच्चा सौदा के छह अनुयायियों को गिरफ्तार किया था.
रिपोर्ट्स के अनुसार, इन आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है, जबकि धर्मग्रंथ के पावन स्वरूप की चोरी करने की घटना में एसआईटी ने जुलाई 2020 में सात डेरा अनुयायियों को गिरफ्तार किया था और पूछताछ खत्म होने के कुछ दिन बाद ही इन सातों अनुयायियों के अलावा डेरे की राष्ट्रीय कमेटी के तीन सदस्यों व डेरा प्रमुख के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की थी.
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हालांकि, उस समय तक यह केस सीबीआई के पास था और पूरा विवाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंचा. लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद इसी साल जनवरी में उच्च न्यायालय ने बरगाड़ी बेअदबी मामलों की पड़ताल का अधिकार सीबीआई से वापस लेकर पंजाब पुलिस को सौंप दिया.