Gurmeet Ram Rahim : हरियाणा में विधानसभा चुनाव के मतदान से पहले एक बड़ी खबर आ रही है. अपनी दो शिष्याओं के साथ दुष्कर्म के मामले में 20 साल की जेल की सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह ने एक बार फिर पैरोल पर अस्थायी रिहाई की मांग की है, वो भी 20 दिन की. यह मांग 5 अक्टूबर को होने वाले चुनाव से कुछ दिन पहले की गई है जिसके बाद से राजनीति तेज हो चली है.
13 अगस्त को 21 दिन की छुट्टी पर रिहा होने के बाद 2 सितंबर को रोहतक की सुनारिया जेल में वे लौटे थे. गुरमीत राम रहीम सिंह पर अक्सर यह आरोप लगाया जाता रहा है कि वह अपने अनुयायियों, जिनमें से अधिकतर हरियाणा में रहते हैं, को चुनावों में एक विशेष तरीके से मतदान करने के लिए प्रभावित करने की कोशिश करते हैं.
20 दिन की पैरोल चाहता है गुरमीत राम रहीम सिंह
2017 में 20 साल की सजा सुनाए जाने के बाद से डेरा प्रमुख 10 बार पैरोल या फरलो पर जेल से बाहर आ चुके हैं. वे 255 दिन यानी आठ महीने से अधिक समय जेल से बाहर बिता चुके हैं. उनके कई पैरोल और फरलो, हरियाणा और पड़ोसी राज्यों में चुनावों के समय पर आए. मामले से परिचित अधिकारियों के हवाले से अंग्रेजी वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स ने खबर दी है कि 20 दिन की पैरोल के लिए सिंह का आवेदन चुनाव विभाग को भेज दिया गया है. जेल विभाग से अनुरोध के पीछे अनिवार्य आकस्मिक कारण बताने को कहा गया है.
गुरमीत राम रहीम सिंह का आशीर्वाद लेते हैं राजनेता
अप्रैल 2019 में राज्यों को भेजे गए चुनाव आयोग के पत्र के अनुसार, पैरोल अत्यंत आपातकालीन मामलों में दी जानी चाहिए, साथ ही यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि दोषी किसी भी चुनाव संबंधी गतिविधियों में शामिल न हो. 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा के लिए चुनाव 5 अक्टूबर को होंगे जबकि मतों की गणना 8 तारीख को होगी. पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के राजनीति विज्ञानी प्रोफेसर आशुतोष कुमार ने कहा कि चुनावों के दौरान विभिन्न विचारधाराओं के राजनेता उनका आशीर्वाद लेते हैं.
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20 दिन की पैरोल का उसका अनुरोध कानून के अनुरूप: डेरा प्रवक्ता
डेरा प्रवक्ता ने कहा कि चूंकि गुरमीत राम रहीम सिंह एक कैलेंडर वर्ष में 91 दिनों की अस्थायी रिहाई का हकदार है, इसलिए 20 दिन की पैरोल का उसका अनुरोध कानून के अनुरूप है.