गुरुग्राम: अनेकता में एकता की अच्छी मिसाल गुरूग्राम में देखने को मिली है. दरअसल खुले में नमाज का विरोध के बाद गुरुद्वारों के एक स्थानीय संघ ने गुरूद्वारे में नमाज पढ़ने की अनुमति दी है. गौरतलब है कि शुक्रवार को खुले में जूमे की नमाज पढ़ने का कुछ लोगों ने विरोध किया था जिसके बाद सिख समुदाय ने गुरुद्वारे में नमाज पढ़ने देने की बात कही है.
गुरुद्वारा अध्यक्ष शेरदिल सिंह सिद्धू का कहना है कि यह गुरु घर है, जो बिना किसी भेदभाव के सभी समुदायों के लिए खुला है. यहां कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए. समिति का कहना है कि, जुमे की नमाज अदा करने के इच्छुक मुस्लिम भाइयों के लिए अब तहखाना खुला.
Gurugram's Sadar Bazaar Gurudwara offers space for Namaz
It's 'Guru Ghar', open for all communities with no discrimination. There shouldn't be any politics here. Basement is now open for Muslim brothers who want to offer 'Jumme ki namaz': Sherdil Singh Sidhu Gurudwara president pic.twitter.com/6gNW3eSuAz
— ANI (@ANI) November 18, 2021
वहीं, हैरी सिंधु का कहना है कि उन्हे खुले इलाकों में नमाज के विरोध की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ. हमारे गुरुद्वारों के द्वार सबके लिए खुले हैं. अगर मुसलमानों को जुमे की नमाज के लिए जगह चाहिए तो उनका गुरुद्वारों स्वागत है. उन्होंने ये भी कहा कि कोरोना को देखते हुए कोविड गाइडलाइन का भी ख्याल रखना जरूरी है.
वहीं, खुले में नमाज का विरोध होने के बाद मुस्लिमों को खुले में नमाज पढ़ने में काफी परेशानी हो रही थी. लेकिन गुरुद्वारे और कई और लोगों की इस पेशकश के बाद अब उन्हें कही घूमना नहीं पड़ेगा. मुस्लिमों का कहना है कि इस बार उन्हें जुमें की नमाज की कोई चिंता नहीं है. क्योंकि हिंदू और सिख उन्हें जगह देने को तैयार है.
गौरतलब है कि गुरुग्राम में नमाज अदा करने वाले खुले स्थलों की संख्या घटकर 20 हो गई, पहले यह 37 थी. सिरहौल में विरोध के बाद यह संख्या घटकर 19 हो गई. जिससे शुक्रवार को मुस्लिमो को नमाज पढ़ने में काफी परेशानी होने लगी. हालांकि अब गुरुद्वारे की इस पहल का सभी स्वागत कर रहे हैं.
Posted by: Pritish Sahay