Gurugram: गुरुग्राम में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने नगर निगम (MCG) को एक महिला को 2 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने का निर्देश दिया है. दरअसल, सिविल लाइन इलाके में डोगो अर्जेंटीनो नस्ल के पालतू कुत्ते के हमले में महिला गंभीर रूप से घायल हो गई थी. वहीं, टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, कुत्ते के हमले में घायल महिला को मुआवजा देने के जिला उपभोक्ता फोरम के आदेश को एमसीजी चुनौती दे सकता है.
नागरिक निकाय ने अभी तक डोगो अर्जेंटीना नस्ल के दो वर्षीय पालतू जानवर को हिरासत में नहीं लिया है. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा ने कहा कि अगर एमसीजी इनमें से एक भी निर्देश स्वीकार करता है, तो हम आदेश के खिलाफ अपील नहीं कर पाएंगे. इसलिए, हम कुत्ते को अपनी हिरासत में लेने से सावधान हैं. बता दें कि मंगलवार को फोरम ने तीन महीने के भीतर पालतू कुत्तों के लिए नीति बनाने का भी आदेश दिया है. साथ ही यह भी कहा कि अगर निगम चाहे तो सिविल लाइंस स्थित बंगले में रहने वाले कुत्ते के मालिक से मुआवजे की राशि वसूल की जा सकती है. फोरम ने नगर निकाय को कुत्ते को हिरासत में लेने और मालिक का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द करने का भी निर्देश दिया है. इसके अलावा, फोरम ने केंद्र सरकार की एक अधिसूचना का हवाला देते हुए ग्यारह विदेशी नस्लों के कुत्तों पर भी प्रतिबंध लगा दिया. साथ ही आदेश दिया कि इन कुत्तों को रखने के लाइसेंस रद्द कर दिए जाएं और जानवरों को हिरासत में ले लिया जाए.
एमसीजी ने शहरी स्थानीय निकाय विभाग को अन्य दिशाओं पर जैसे शहर में पिटबुल, रॉटवीलर और डोगो अर्जेंटीना सहित 11 अन्य कुत्तों की नस्लों पर प्रतिबंध लगाना, प्रति परिवार केवल एक कुत्ते की अनुमति देना और हिरासत में लेना तथा सभी आवारा कुत्ते को लेकर भी स्पष्टता के लिए लिखा है. अधिकारी ने कहा कि हम इन निर्देशों पर कॉल करने से पहले विभाग से स्पष्ट निर्देश चाहते हैं. इसलिए पूरी संभावना है कि हम जिला उपभोक्ता फोरम के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करेंगे.
एनिमल राइट्स एक्टिविस्टों ने भी उपभोक्ता फोरम के निर्देशों को अवैध बताया. पीपल फॉर एनिमल की चेयरपर्सन पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने शुक्रवार को टीओआई को बताया कि इस मामले में उपभोक्ता अदालत का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है. एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया (AWBI) गुरुग्राम की प्रतिनिधि चेतना जोशी ने कहा, पालतू कुत्तों को केवल एसपीसीए द्वारा हिरासत में लिया जाएगा. नगर निकाय पालतू कुत्ते को अपने कब्जे में नहीं ले सकता. इसके अलावा कानून के अनुसार आवारा कुत्तों को उनके आवास से स्थानांतरित करना अवैध है.
इस साल की शुरुआत में, एमसीजी ने शहर में सभी निवासियों के कल्याण संघों से आग्रह किया था कि वे कुत्तों को हटाने के लिए अपनी हेल्पलाइन पर अनुरोध करने के बजाय अपने समाज के कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण करवाएं. एमसीजी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, न तो नागरिक निकाय और न ही किसी आरडब्ल्यूए के पास भूमि के कानून के रूप में एक हाउसिंग सोसाइटी से एक आवारा कुत्ते को स्थानांतरित करने या हटाने की शक्ति है.