भारत में तैयार एंटी एयरफिल्ड हथियार का सफल परीक्षण, मारक क्षमता 100 किमी

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा बुधवार को एंटी एयरफिल्ड हथियार (SAAW) को हॉक-आई एयरक्राफ्ट के माध्यम से ओडिया के तटीय से सफलता पूर्वक परीक्षण किया गया. इस हथियार को डीआरडीओ की ओर से विकसित किया गया है. डीआडीओ द्वारा इस स्मार्ट हथियार को भारत में तैयार हॉक-एमके132 से किया गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 21, 2021 4:58 PM

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा बुधवार को एंटी एयरफिल्ड हथियार (SAAW) को हॉक-आई एयरक्राफ्ट के माध्यम से ओडिया के तटीय से सफलता पूर्वक परीक्षण किया गया. इस हथियार को डीआरडीओ की ओर से विकसित किया गया है. डीआडीओ द्वारा इस स्मार्ट हथियार को भारत में तैयार हॉक-एमके132 से किया गया.

एंटी एयरफिल्ड हथियार (SAAW) की मारक क्षमता 100 किमी तक बतायी जा रही है. साफ जाहिर है कि सौ किली दूर दुश्मन के ठिकानों को यह एयरक्राफ्ट नष्ट कर सकता है. इस हथियार का सफल प्रेक्षण सेवानिवृत विंग कमांडर पी अवस्थी एवं विंग कमांडर एम पटेल ने एयरक्राफ्ट के माध्यम से किया. डीआरडीओ के अनुसार हथियार 125 किग्रा की कैटेगरी में शामिल है.

इससे पहले डीआडीओ ने और भारतीय सेना ने मिलकर एक मशीन पिस्टल एएसएमआई तैयार किया है. यह देश की पहली स्वदेशी मशीन पिस्टल है. इसे 13 जनवरी को आर्मी के इनोवेशन इवेंट में दिखाया गया. यह पिस्टल डिफेंस फोर्सेज में 9 एमएम पिस्टल्स की जगह ले लेंगी. डीआरडीओ ने इससे जुड़ा एक बयान जारी किया है.

वहीं पिछले साल नवंबर 2020 में पूर्व में डीआरडीओ द्वारा विकसित रुद्रम एंटी रेडिएशन मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था. यह परीक्षण सुखोई-30 लड़ाकू विमान से किया गया था. रुद्रम देश की पहली एंटी-रेडिएशन मिसाइल है जिसे डीआरडीओ ने भारतीय एयर फोर्स के लिए तैयार किया है. डीआरडीओ द्वारा निर्मित नयी पीढ़ी का एंटी रेडिएशन मिसाइल रूद्रम-1 देश की पहली एंटी रेडिएशन मिसाइल है. जिसे भारतीय वायुसेना के लिए तैयार किया गया है. डीआरडीओ के मुताबिक इस मिसाइल की रेंज क्षमता लांच कंडीशन के आधार पर होगी.

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