देश की आधी आबादी को लगा कोरोना वैक्सीन का सिंगल डोज, 15 फीसदी का हुआ पूर्ण टीकाकरण
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 18 साल से ऊपर की 50 फीसदी आबादी को पहली खुराक मिल चुकी है और 15 फीसदी को पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है.
नयी दिल्ली : भारत में गुरुवार तक लगभग आधी योग्य वयस्क आबादी को कोरोना वैक्सीन की कम से कम एक डोज लगा दी गयी है. इसके साथ ही देश में अब तक 61.10 करोड़ वैक्सीन की डोज लगायी जा चुकी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 2020 के लिए अनुमानित मध्य-वर्ष की गणना के आधार पर देश की 18 वर्ष और उससे अधिक आयु की कुल जनसंख्या लगभग 94 करोड़ है. गुरुवार को भारत ने 47.29 करोड़ पहली खुराक लगाकर करीब आधी आबादी को पहला टीका लगा दिया.
जुलाई में दी गई 43.41 लाख खुराक की तुलना में अगस्त में अब तक दैनिक टीकाकरण का औसत 52.16 लाख खुराक रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 18 साल से ऊपर की 50 फीसदी आबादी को पहली खुराक मिल चुकी है और 15 फीसदी को पूरी तरह से टीका लगाया जा चुका है. इसका मतलब 15 फीसदी योग्य आबादी को वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी है.
आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि 99 प्रतिशत स्वास्थ्य कर्मियों ने अपना पहला डोज ले लिया है. 83 प्रतिशत का पूरी तरह से टीकाकरण कर चुके हैं. सभी फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को अपना पहला शॉट मिल गया है, और 79 प्रतिशत को पूरी तरह से टीकाकरण किया जा चुका है. जबकि हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और गोवा जैसे छोटे राज्यों में एकल खुराक टीकाकरण कवर राष्ट्रीय औसत से काफी ऊपर है. चार बड़े राज्यों – उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल को अभी तक 50 प्रतिशत एकल खुराक टीकाकरण हासिल नहीं हुआ है.
ICMR के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने गुरुवार को फिर से रेखांकित किया कि टीके बीमारी को नहीं रोकते हैं, लेकिन इसकी गंभीरता और अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति को काफी कम करते हैं. उन्होंने कहा कि मास्क पहनना प्राथमिकता बनी रहनी चाहिए. डॉ भार्गव ने कहा कि केवल पूर्ण टीकाकरण वाले लोगों को ही सामाजिक समारोहों में भाग लेना चाहिए.
उन्होंने कहा कि भारत में दूसरी लहर अभी भी जारी है. कुछ राज्यों में कुछ जिलों में तेजी देखी जा रही है. 41 जिले ऐसे हैं जिनकी साप्ताहिक सकारात्मकता दर 10 प्रतिशत है. और 27 जिलों में साप्ताहिक सकारात्मकता दर 5 प्रतिशत से 10 प्रतिशत के बीच है. जनसंख्या घनत्व प्रसार का कारण बन रहा है. जहां भी कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार नहीं देखा जा रहा है, वहां हम मामलों में वृद्धि देख रहे हैं.
वैक्सीन बीमारी को रोकता नहीं, बल्कि गंभीरता को कम करता है
डॉ भार्गव ने कहा कि हम जानते हैं कि ये टीके रोग-संशोधित टीके हैं. वे रोग-निवारक टीके नहीं हैं. इसलिए एक या दो खुराक के टीकाकरण के बाद भी मास्क का उपयोग जारी रखना बहुत जरूरी है. टीके रोग की गंभीरता को कम करते हैं, अस्पताल में भर्ती होने की संभावना को कम करते हैं, और मृत्यु को 98-99 प्रतिशत तक टालते हैं. सामूहिक समारोहों को हतोत्साहित करना होगा और यदि भाग लेना या सभा करना महत्वपूर्ण है, तो पूर्ण टीकाकरण जरूरी होनी चाहिए.
त्योहार मनाते समय बरतें सावधानी
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने गुरुवार को 50 प्रतिशत एकल खुराक टीकाकरण कवर को हरी झंडी दिखाते हुए यह भी कहा कि दूसरी लहर अभी भी जारी है और अगले दो महीनों में कोविड-19 मानदंडों का कड़ाई से पालन करना जरूरी हो जाता है. जब प्रमुख त्योहार मनाए जाएंगे तब उम्मीद है कि मामलों में बढ़ोतरी देखी जा सकती है. भारत ने स्वास्थ्य देखभाल और अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता देते हुए 16 जनवरी को अपना टीकाकरण अभियान शुरू किया. गुरुवार तक, 1.03 करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों को उनकी पहली खुराक मिली थी, और 82 लाख ने अपनी दोनों खुराक प्राप्त की थी.
Posted By: Amlesh Nandan.