नयी दिल्ली: हर साल भारतीय सैनिकों (Indian Army) की मौत आतंकियों से मुकाबला करने और पाकिस्तान द्वारा सीमा पर अकारण सीजफायर उल्लंघन के कारण होती है. लेकिन बढ़ते तनाव के कारण भी हर साल कई सैनिकों की जान जा रही है. मौजूदा समय में सेना के आधे जवान गंभीर तनाव के शिकार हैं. यह बात सेना के थिंक टैंक यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूशन(यूएसआइ) की रिपोर्ट में सामने आयी है.
यह रिपोर्ट जेसीओ और इससे नीचे के अधिकारियों पर किये गये अध्ययन के आधार पर तैयार किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि तनाव की वजह छुट्टी के आवेदन पर विचार करने में देरी, काम का दवाब, घरेलू समस्या, वरिष्ठ अधिकारी द्वारा अपमानित होने से जवानों में तनाव की समस्या आ रही है.
इसके अलावा सम्मान की कमी, मोबाइल के प्रयोग पर गैर जरूरी पाबंदी, सहयोगी और वरिष्ठ के साथ विवाद, स्वास्थ्य समस्या, ट्रेन में आरक्षण मिलने में देरी, वित्तीय समस्या, सैन्य अधिकारियों से सहयोग की कमी, प्रमोशन में पारदर्शिता की कमी, राशन की खराब गुणवत्ता और अन्य कारण प्रमुख रूप से जवानों में तनाव का कारण हैं.
मुख्य बातें:-
सेना के जवानों में हो तनाव के कारण
छुट्टी के आवेदन पर विचार करने में देरी होना
काम का अतिरिक्त दवाब
घरेलू समस्या
वरिष्ठ अधिकारी के द्वारा अपमान
मोबाइल के प्रयोग पर गैर जरूरी पाबंदी
ट्रेन में आरक्षण मिलने में देरी
वित्तीय समस्या
सैन्य अधिकारियों से सहयोग की कमी
प्रमोशन में पारदर्शिता की कमी
इसके साथ ही सेना के जवानों के प्रति वरिष्ठ अधिकारियों का रवैया अच्छा नहीं रहना, लंबे समय तक कठिन हालात में तैनाती, अक्षम नेतृत्व, संसाधनों की कमी और समय-समय पर दूसरे जगहों पर तैनाती को भी तनाव का कारण माना गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जेसीओ और इससे नीचे के अधिकारियों को कम सुविधा में अधिक काम करना पड़ता है, जबकि अधिकारियों के मामले में ऐसा नहीं है. ऐसे में सेना के जवानों को तनाव से निकालने की जरुरत है.
Posted by: Pritish Sahay