Hanuman Chalisa Controversy: मुंबई में हनुमान चालीसा के जाप को लेकर विवाद गरमाने लगा है. दरअसल, अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का जाप करने का ऐलान किया था. बाद में दोपहर 3 बजे राणा दंपति ने फैसला वापस ले लिया.
न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अमरावती सांसद नवनीत राणा ने कहा कि मुझे लगता है कि मेरा उद्देश्य स्पष्ट तरीके से पूरा हो गया. हम मातोश्री तक नहीं पहुंच पाए, परन्तु जो हनुमान चालीसा हम करने वाले थे, वो कई भक्त वहां मातोश्री के सामने हनुमान चालीसा पढ़ रहे हैं. कहीं ने कहीं ये सिद्ध होता है कि हमारी आवाज वहां तक पहुंची है. नवनीत राणा ने कहा कि बाला साहब के साथ ही उनके शिवसैनिक कब के चले गए. आज की शिवसेना गुंडों की शिवसेना रह गई है. उद्धव ठाकरे के इशारों पर गुंडागर्दी करने का काम महाराष्ट्र में किया जा रहा है.
Maharashtra | Our aim was fulfilled, though Ravi Rana & I couldn't reach 'Matoshree' (CM Uddhav Thackeray's residence), Hanuman chalisa that was supposed to be chanted by us was chanted by bhakts outside the CM's residence: Amravati MP Navneet Rana on Hanuman Chalisa controversy pic.twitter.com/tDdkPZcCw1
— ANI (@ANI) April 23, 2022
बता दें कि इससे पहले नवनीत राणा ने सुबह 9 बजे का वक्त दिया था और इसी के साथ बड़ी संख्या में शिवसैनिक उनके घर के बाहर पहुंच गए और हंगामा करने लगे. नवनीत राणा के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए शिवसेना के समर्थकों ने हनुमान चालीसा को लेकर विवाद के बीच बैरिकेड्स तोड़ दिए. इतना ही नहीं शिवसैनिकों ने सांसद नवनीत राणा और विधायक रवि राणा के घर में जबरन घुसने का प्रयत्न किया. शिवसेना कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के निजी आवास ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा का जाप करने पर राणा को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी है.
इस बीच, महाविकास अघाड़ी सरकार में गृहमंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके राणा दंपति पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि मुंबई और महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था ठीक है, लेकिन कुछ लोग इसे बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं और खबरें फैला रहे हैं. गृहमंत्री ने राणा दंपति पर कहा कि ऐसा लगता है कि वे ऐसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं ताकि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो सके. उन्हें जवाब देने की जरूरत नहीं है. मुख्यमंत्री, पुलिस और मैंने स्थिति का जायजा लिया है. उचित समझे जाने पर पुलिस कमिश्नर द्वारा जरूरी कार्रवाई की जाएगी.