Hanuman Chalisa Row: महाराष्ट्र में हनुमान चालीसा विवाद में फंसी अमरावती की सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा की जमानत याचिका पर मुंबई सेशंस कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. राणा दंपती की जमानत याचिका पर 2 मई को फिर से सुनवाई होगी. बता दें कि हनुमान चालीसा विवाद को लेकर राणा दंपती ने फिर से मुंबई सत्र न्यायालय में जमानत याचिका डाली थी, जिस पर शनिवार को सुनवाई हुई.
मुंबई सत्र न्यायालय में सुनवाई के दौरान राणा दंपती के वकील अबाद पोंडा ने इसे झूठा मामला बताते हुए जमानत की मांग की. हालांकि, मुंबई पुलिस की ओर से लगातार इसका विरोध किया जा रहा है. अबाद पोंडा ने कहा, अगर हमने मस्जिद के बाहर हनुमान चालीसा का जाप करने का आह्वान किया होता, तो मैं समझ सकता था कि इससे धार्मिक तनाव पैदा हो सकता था. लेकिन, मातोश्री के बाहर इसका जाप करने का आह्वान करने से कोई सांप्रदायिक तनाव नहीं होता. उन्होंने आगे कहा कि केवल अपराध करने का इरादा रखने वाले को दंडित नहीं किया जा सकता है. कुछ मंशा को अंजाम देने और वास्तव में अपराध करने पर दंडित किया जा सकता है.
बता दें कि नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा पर राजद्रोह का भी मामला चल रहा है. इस पर उनके वकील ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि सरकार की आलोचना लोकतंत्र का सार है. राणा दंपति मातोश्री के पास अकेले गए थे और उनका उद्देश्य हिंसा करना नहीं था, ना ही उनके साथ कोई कार्यकर्ता था. वहां पर प्रदर्शन शिवसैनिक कर रहे थे, ऐसे में यहां राजद्रोह जैसा कोई मामला नहीं बनता है. पोंडा ने आगे कहा कि नवनीत राणा और रवि राणा के ऊपर झूठे इल्जाम लगाए गए हैं. पुलिस जिन्हें आरोपी बता रही वो चुने हुए प्रतिनिधि हैं और जमानत मिलने पर कहीं भागेंगे नहीं. इसके अलावा उनकी एक 8 साल की बेटी भी है, जिस वजह से कोर्ट दोनों को सशर्त जमानत दे सकता है.
वहीं, एसपीपी प्रदीप घरत (SPP Pradeep Gharat) ने कहा कि अगर कोई कहता है कि हनुमान चालीसा का जाप करना उनका अधिकार है, तो वह है. लेकिन, हमें यह देखना होगा कि क्या अधिनियम कानूनी है. अनुमति और सहमति उस व्यक्ति द्वारा ली जाती है जिसके निवास पर जप किया जाएगा. अंतिम उद्देश्य ऐसी स्थिति पैदा करना था, जहां यह सरकार गिर जाए. बता दें कि नवनीत राणा की गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा था, लेकिन उससे पहले ही उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई है. जिसके बाद अब फैसले का इंतजार है.