Hanuman Chalisa Row: निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा की मुश्किलें फिर से बढ़ सकती हैं. राणा दंपति के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार कोर्ट का रुख करेंगी और उनकी जमानत रद्द करने के लिए अर्जी देगी. गौरतलब है कि अदालत ने जमानत देते समय केस के संबंध में दंपति के मीडिया से बात नहीं करने की शर्त भी लगाई है. इसके अतिरिक्त कई अन्य शर्त रखे गए हैं, जिनका दंपति को पालन करने को कहा गया है.
दरअसल, अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद मीडिया से बात करते हुए निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने कहा कि अगर हनुमान चालीसा का पाठ करना अपराध है तो मैं 10 साल जेल में रहने को तैयार हूं. इसके अलावा महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को उनके खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती देते हुए अमरावती के सांसद ने कहा कि मैं आपको चुनौती देती हूं. मैंने जनता के सामने खड़े होकर आपका मुकाबला किया. नवनीत राणा ने कहा कि यह एक महिला आपके सामने खड़ी होगी और आपकी अनुचित लड़ाई का जवाब देगी.
कहा जा रहा है कि मीडिया बयान की क्लिप देखने के बाद अदालत की अवमानना का मामला साफ दिखता है. दोनों का बयान जमानत के लिए लगाई गई शर्तों का साफ उल्लंघन है. जानकारी के अनुसार, सोमवार को विशेष सरकारी वकील सत्र न्यायालय में जमानत रद्द करने की अर्जी देंगे. कोर्ट की ओर से कहा गया है कि वे पुलिस की पूछताछ में सहयोग करेंगे. साथ ही गवाहों के साथ किसी भी तरह से छेड़छाड़ नहीं करेंगे. वहीं, पुलिस के बुलाने पर वो बिना किसी किन्तु-परंतु के हाजिर होंगे. हालांकि, रविवार को अस्पताल से छूटने के बाद निर्दलीय सांसद ने मीडिया से बातचीत की.
अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा मुंबई की एक अदालत द्वारा उन्हें जमानत दिए जाने के एक दिन बाद 5 मई को जेल से बाहर आए. सीएम उद्धव ठाकरे के निजी आवास मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए देशद्रोह के आरोप लगाए जाने के बाद वे एक हफ्ते से अधिक समय तक जेल में रहे. सांसद नवनीत और उनके विधायक पति रवि राणा को 23 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था.