पतंग उड़ाना पड़ सकता है महंगा, लाइसेंस नहीं लिया तो देना पड़ सकता है 10 लाख तक जुर्माना
makar sankranti 2021 आज देश भर में मकर संक्रांति धूम-धाम से मनायी जा रही है. इस मौके पर कई जगहों पर लोग पतंग (Kite) उड़ाते हैं. पतंग उड़ाने का सिलसिला कई दिनों तक चलता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पतंग उड़ाने के लिए भी लाइसेंस लेने की जरूरत होती है. बिना लाइसेंस के पतंग उड़ाने पर आप पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है. एयरक्राफ्ट एक्ट 1934-2 (1) उल्लेख किया गया है कि पतंग और बैलून के साथ-साथ उड़ायी जाने वाली सभी वस्तुओं के निर्माण, मरम्मत और उड़ाने के लिए लाइसेंस लेना जरूरी है.
makar sankranti 2021 आज देश भर में मकर संक्रांति धूम-धाम से मनायी जा रही है. इस मौके पर कई जगहों पर लोग पतंग (Kite) उड़ाते हैं. पतंग उड़ाने का सिलसिला कई दिनों तक चलता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पतंग उड़ाने के लिए भी लाइसेंस लेने की जरूरत होती है. बिना लाइसेंस के पतंग उड़ाने पर आप पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है. एयरक्राफ्ट एक्ट 1934-2 (1) उल्लेख किया गया है कि पतंग और बैलून के साथ-साथ उड़ायी जाने वाली सभी वस्तुओं के निर्माण, मरम्मत और उड़ाने के लिए लाइसेंस लेना जरूरी है.
इसी एक्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि अगर बिना लाइसेंस के इन वस्तुओं के निर्माण मरम्मत और उड़ाने पर दो साल की जेल या 10 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों लगाया जा सकता है. केंद्र सरकार ने पिछले साल इस एक्ट में कुछ संशोधन किया है. इस संशोधन के बाद विमान में विस्फोटक ले जाने पर एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. बाकी नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
सिम्बॉयसिस लॉ स्कूल, नोएडा की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ नीति शिखा ने न्यूज चैनल आज तक से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने 100 से ज्यादा वैसे कानूनों को समाप्त करने का अभियान छेड़ रखा है जो गैरजरूरी हैं. उन्होंने कहा कि हम इस अभियान में सहयोग करने के लिए थिंकटैंक सेंटर फॉर सिविल सोसायटी (सीसीएस) के साथ मिलकर ऐसे ही गैरजरूरी कानों का पता लगा रहे हैं.
इसके साथ ही सीसीएस ने भारत के पांच लॉ कॉलेजों के छात्रों के लिए पतंग उड़ाने के लिए लाइसेंस निर्गत करने की मांग की है. इन पांच लॉ कॉलेजों में महाराष्ट्र नेशनल लॉ कॉलेज, एमएनएलयू मुम्बई, सिम्बॉयसिस लॉ स्कूल नोएडा, हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी रायपुर, नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी बैंगलोर और द नेशनल एकेडमी ऑफ लीगल स्टडीज एंड रिसर्च हैदराबाद शामिल हैं. इन कॉलेजों के छात्रों ने नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू और डीजीसीए को लाइसेंस के लिए पत्र लिखा है.
Posted By: Amlesh Nandan.