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Haridwar Kumbh Mela 2021 : 48 दिनों के कुंभ में चुनिंदा संत होंगे शामिल, कोरोना के दौर में पहला बड़ा धार्मिक आयोजन

Haridwar Kumbh Mela 2021 कोरोना महामारी के बीच साल 2021 में होने जा रहे हरिद्वार कुंभ मेला (Kumbh Mela) इस बार मुख्य तौर पर मार्च से अप्रैल के बीच 48 दिन का ही होगा. कुंभ की तैयारी को लेकर अखाड़ा परिषद और मुख्यमंत्री के बीच कई दौर की बैठक हो चुकी है. वहीं, उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि राज्य सरकार फरवरी अंत तक मेले की अधिसूचना जारी करेगी. लेकिन, अभी से तैयारियां हो रही हैं.

Haridwar Kumbh Mela 2021 कोरोना महामारी के बीच साल 2021 में होने जा रहे हरिद्वार कुंभ मेला (Kumbh Mela) इस बार मुख्य तौर पर मार्च से अप्रैल के बीच 48 दिन का ही होगा. कुंभ की तैयारी को लेकर अखाड़ा परिषद और मुख्यमंत्री के बीच कई दौर की बैठक हो चुकी है. वहीं, उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि राज्य सरकार फरवरी अंत तक मेले की अधिसूचना जारी करेगी. लेकिन, अभी से तैयारियां हो रही हैं.

कुंभ के लिए मिली 40 कंपनी पैरामिल्ट्री

इस बीच कुंभ की तिथि नजदीक आने के साथ ही केंद्र सरकार ने 40 कंपनी पैरामिल्ट्री का आवंटन कर दिया है. एक जनवरी को पांच पैरामिल्ट्री कंपनी हरिद्वार पहुंच जायेंगी. इनमें एसएसबी की सात, सीआरपीएफ की 10, बीएसएफ की 10, सीआईएसएफ की सात और आईटीबीपी की छह कंपनियां शामिल हैं.

सुरक्षा को लेकर तैयारियों पर एक नजर

बताया कि पैरामिल्ट्री चार अलग-अलग चरणों में हरिद्वार पहुंचेंगी. एनएसजी और पैरामिल्ट्री के स्पाइनरों से कुंभ की निगहबानी होगी. किसी भी आतंकी घटना को नाकाम करने के लिए बम डिस्पोजल स्क्वायड और एंटी माइनिंग टीम का भी आवंटन हो गया है. दरअसल, कुंभ मेले में यातायात और श्रद्धालुओं की भीड़भाड़ नियंत्रण पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है. इसके लिए प्रदेश के सिविल और आर्म्स पुलिस के अलावा बाहरी राज्यों की पुलिस बल की तैनाती होती है.

कोरोना महामारी के कारण इस बार अलग होगा कुंभ

गौर हो कि 2021 का कुंभ मेला 11 साल के अंतराल के बाद हरिद्वार में होगा. ये आखिरी बार साल 2010 में आयोजित किया गया था. हरिद्वार कुंभ मेले का श्रीगणेश अगले महीने 14 जनवरी को पड़ रही मकर संक्रांति के पर्व से हो जाएगा. इसी के मद्देनजर दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले महाकुंभ में श्रद्धालुओं को हरिद्वार कुंभ में आस्था की डुबकी लगाने के लिए करोड़ों लोग तैयार है. हालांकि, इस बार का कुंभ कोरोना महामारी के कारण अलग होगा. हरिद्वार में हर 12 साल बाद कुंभ और छह साल बाद अर्धकुंभ लगता है. पहली बार शाही स्नान में चुनिंदा संत शामिल होंगे.

सरकार के सामने ये है चुनौतियां

मुख्यमंत्री बार-बार स्पष्ट कर चुके हैं कि कोरोना के हालात के मुताबिक फैसला लिया जायेगा. हालांकि, संतों का कहना है कि अभी कोरोना कम है. इसलिए मेला होगा. अगर कोरोना बढ़ेगा, तो बैठकर कर बातचीत कर लिया जायेगा. बता दें कि शुरुआत से लेकर अबतक कोरोना का असर कुंभ की तैयारियों पर पड़ा है. ऐसे में भारी संख्या में श्रद्धालुओं के यहां पहुंचना सरकार के लिए बड़ी चिंता का विषय बन सकता है. हालांकि, कोरोना वैक्सीन के आने पर कुंभ को सबसे पहले ध्यान में रखने की बात मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत खुद प्रधानमंत्री मोदी से कह चुके हैं.

श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था

पहली बार श्रद्धालुओं को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा. साथ ही मेले में प्रवेश से पहले एंटीजन टेस्ट पर विचार किया जा रहा है. ऐसे में गंगा में डुबकी से पहले कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी.

जानिए कुंभ के लिए भारतीय रेलवे का क्या है प्लान

भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने कुंभ को ध्यान में रखते हुए रेल यात्रियों के लिए बड़ा प्लान तैयार किया है. कुंभ को ध्यान में रखते हुए 35 स्पेशल ट्रेन चलायी जायेगी. वहीं, हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर भीड़ को कंट्रोल करने के लिए मेला कंट्रोल सिस्टम भी तैयार किया गया है.

Upload By Samir Kumar

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