हरिद्वार : आज एक अप्रैल है. कुंभनगरी हरिद्वार में महाकुंभ-2021 का आगाज हो चुका है. आगामी 30 अप्रैल तक चलने वाले इस महाकुंभ की खास बात यह है कि इसमें आने वाले श्रद्धालु कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट के बगैर गंगा में डुबकी नहीं लगा सकेंगे. श्रद्धालुओं को अपने साथ कोरोना की 72 घंटे पहले तक की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी.
बताया यह जा रहा है कि कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित 12 राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं पर प्रशासन की विशेष नजर रहेगी. जिले की सभी सीमा और मेला क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग श्रद्धालुओं की रैंडम सैंपलिंग भी करेगा. हरिद्वार की धर्मशालाओं और होटलों में बिना कोरोना निगेटिव रिपोर्ट के श्रद्धालु नहीं ठहर पाएंगे.
प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, हरिद्वार की सीमा और मेला क्षेत्र में रैंडम सैंपलिंग की जाएगी. कोरोना संक्रमण के लहाज से अतिसंवेदनशील राज्यों से आने वाले परिवारों के एक-दो सदस्यों के रैंडम सैंपल लिए जाएंगे. सीमा पर पॉजिटिव आने के बाद श्रद्धालुओं को लौटा दिया जाएगा. मेला क्षेत्र में पॉजिटिव मिलने वालों को कोविड केयर सेंटरों में आइसोलेट किया जाएगा. जांच के लिए 33 टीमें बनाई गई हैं.
कोरोना के लिहाज से अतिसंवेदनशील 12 राज्यों से आने वाले यात्रियों की राज्य सीमा पर अनिवार्य रूप से कोरोना जांच की जाएगी. संक्रमण की पुष्टि होने पर यात्री और उसके पूरे समूह को लौटा दिया जाएगा. सरकार ने महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान से आने वाले यात्रियों को कोविड आरटीपीसीआर रिपोर्ट लाने की सलाह दी है.
आरटीपीसीआर रिपोर्ट न होने पर सीमा पर इन राज्यों से आने वालों समूहों या परिवारों में से दो लोगों की एंटीजन टेस्ट होगा. किसी के भी पॉजिटिव आने पर पूरे समूह को लौटा दिया जाएगा. मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एसके झा ने बताया कि राज्य सीमा, रेलवे स्टेशन और बस अड्डे समेत 11 स्थानों पर 33 जांच टीमें लगाई गई हैं. वहीं, श्रद्धालुओं के सीधे संपर्क में आने तीर्थ पुरोहितों, व्यापारियों, धर्मशाला और होटल संचालकों की आरटीपीसीआर जांच की जाएगी.
Posted by : Vishwat Sen