संसद में रमेश बिधूड़ी की टिप्पणी पर क्या हंस रहे थे हर्षवर्धन? जानें क्या दी सफाई

मैंने ट्विटर पर अपना नाम ट्रेंड होते देखा है, जहां लोगों ने मुझे इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में बेवजह घसीटा है, जहां दो सांसद सदन में एक-दूसरे के खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे. जानें क्या बोले बीजेपी के सांसद हर्षवर्धन

By Amitabh Kumar | September 22, 2023 6:53 PM
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अपने सांसद रमेश बिधूड़ी की टिप्पणी को लेकर बीजेपी ने सख्त रुख अपनाया है. पार्टी ने भारत के चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3’ की सफलता पर चर्चा के दौरान लोकसभा में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्य दानिश अली के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के लिए बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इस बीच बीजेपी के सांसद हर्षवर्धन की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने आरोप लगाया कि लोकसभा में उनकी पार्टी के सहयोगी रमेश बिधूड़़ी द्वारा की गई कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर हुए विवाद में निहित राजनीतिक स्वार्थ के लिये कुछ लोगों ने बेवजह उनका नाम ‘‘घसीटा’’ है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वर्तमान में दिल्ली के चांदनी चौक से लोकसभा सदस्य हर्षवर्धन ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने लिखा कि मैं निस्संदेह एक-दूसरे पर की जा रही टिप्पणी का गवाह था (जो वास्तव में पूरा सदन ही था), सच बात तो यह है कि उस शोर-शराबे में मैं स्पष्ट रूप से कुछ भी समझ नहीं पा रहा था. हर्षवर्धन का स्पष्टीकरण ‘चंद्रयान-3’ मिशन की सफलता पर लोकसभा में चर्चा के दौरान गुरुवार रात बिधूड़ी द्वारा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्य कुंवर दानिश अली पर निशाना साधते हुए कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के एक दिन बाद आया है. घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है जिसके बाद हर्षवर्धन निशाने पर आ गए. दरअसल, वीडियो क्लिप में बिधूड़ी को कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए सुना जा सकता है और उनके पीछे बैठे चांदनी चौक के सांसद हंसते हुए प्रतीत हो रहे हैं.

आम आदमी पार्टी ने साधा निशाना

इस वायरल वीडियो के बाद राजनीतिक प्रतिक्रिया आने लगी. आम आदमी पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर एक तस्वीर शेयर की, जिसमें बिधूड़ी बोलते हुए, जबकि बीजेपी के दो सांसद मुस्कुराते हुए नजर आ रहे हैं. आप ने कहा कि भारत की नयी संसद के अंदर नया निम्न स्तर…बीजेपी सांसद हर्षवर्धन और रविशंकर प्रसाद उस समय बेशर्मी से हंस रहे थे, जब उनके सहयोगी रमेश बिधूड़ी मुस्लिम सांसद दानिश अली को अपशब्द कह रहे थे, उन्हें…कह रहे थे…

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हर्षवर्धन ने ‘एक्स’ पर क्या लिखा

बीजेपी के सांसद हर्षवर्धन ने ‘एक्स’ पर एक लंबी पोस्ट में लिखा कि मैंने ट्विटर पर अपना नाम ट्रेंड होते देखा है, जहां लोगों ने मुझे इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में बेवजह घसीटा है, जहां दो सांसद सदन में एक-दूसरे के खिलाफ असंसदीय भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे. उन्होंने कहा कि हमारे वरिष्ठ एवं सम्मानित नेता राजनाथ सिंह जी पहले ही दोनों पक्षों द्वारा इस तरह की अनुचित भाषा के उपयोग की निंदा कर चुके हैं. मैं अपने मुस्लिम दोस्तों से पूछता हूं, जो आज सोशल मीडिया पर मेरे खिलाफ लिख रहे हैं, क्या वे वास्तव में मानते हैं कि मैं कभी भी ऐसी अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल में भागीदार बन सकता हूं, जो किसी एक समुदाय की संवेदनाओं को ठेस पहुंचाती हो?

हर्षवर्धन ने दावा किया कि यह नकारात्मकता से भरी एक द्वेषपूर्ण, बेबुनियादी, पूर्णतः झूठ और मनगढ़ंत कहानी है और सोशल मीडिया पर कुछ निहित राजनीतिक तत्वों द्वारा मेरी छवि को खराब करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. हर्षवर्धन ने कहा कि पिछले तीस वर्षों के सार्वजनिक जीवन में, उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लाखों मुस्लिम भाइयों और बहनों के साथ, अथवा जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के सहयोगियों के साथ, मिलकर काम किया है. उन्होंने कहा कि चांदनी चौक की ऐतिहासिक गलियों में फाटक तेलियान, तुर्कमान गेट में पैदा हुआ, यहीं पला-बढ़ा… अपने मुस्लिम दोस्तों के साथ खेलते हुए बड़ा हुआ हूं. मैं दृढ़ विश्वास के साथ कह सकता हूं कि सभी मुस्लिम भाई-बहन, जो कभी भी मेरे संपर्क में रहे, वे मेरी भावनाओं, व्यवहार और मेरे आचरण की पुष्टि करने में तनिक भी नहीं हिचकेंगे’’

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चांदनी चौक के प्रतिष्ठित निर्वाचन क्षेत्र से सांसद के रूप में जीतकर बहुत खुश हूं

आगे हर्षवर्धन ने कहा कि मैं चांदनी चौक के प्रतिष्ठित निर्वाचन क्षेत्र से सांसद के रूप में जीतकर बहुत खुश हूं और यदि सभी समुदायों के लोगों ने मेरा समर्थन नहीं किया होता, तो ऐसा कभी संभव नहीं हो पाता. उन्होंने कहा कि इस घटना से मैं अत्यधिक आहत हुआ हूं कि निहित राजनीतिक स्वार्थ के लिए कुछ लोगों ने बेवजह मेरा नाम इस प्रकरण में घसीटा है. हालांकि मैं वहां एक-दूसरे पर की जा रही टिप्पणियों का प्रत्यक्षदर्शी ज़रूर था (जो वास्तव में पूरा सदन ही था), सच बात तो यह है कि उस शोर-शराबे में मैं स्पष्ट रूप से कुछ भी समझ नहीं पा रहा था. मैं जीवन में हमेशा अपने सिद्धांतों पर कायम रहा हूं. अपने देश और देशवासियों के हित को हर चीज से ऊपर रखते हुए, उसके लिए अपना श्रेष्ठतम देने के लिए कभी पीछे नहीं रहा हूं और यह मेरा संकल्प है कि अपने जीवन के अंतिम सांस तक इस भावना को अक्षुण्ण रखूंगा.

भाषा इनपुट के साथ

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