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हरियाणा के शिक्षा मंत्री ने दी चेतावनी, कहा- हथिनीकुंड बैराज में अतिरिक्त पानी रखने से हो सकता है बड़ा नुकसान

जानकारी के लिए बता दें एक दिन पहले ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया था, यदि संभव हो तो हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से सीमित रफ्तार से पानी छोड़ा जाए.

हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप के बीच हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवर पाल ने कहा कि बैराज से अतिरिक्त पानी नहीं छोड़ने से बहुत बड़ा नुकसान हो सकता था. मंत्री ने कहा, जब बाढ़ आ जाए या भारी वर्षा हो जाए और हम बैराज से अतिरिक्त पानी नहीं छोड़े तो बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है जैसा कि पिछले कुछ दिनों में हिमाचल प्रदेश और हमारे राज्य में भी में देखा गया है. पानी छोड़ने के सिवा कोई विकल्प नहीं है. यदि हम पानी रोक लेते हैं तो स्थिति विध्वंसकारी होगी. पाल ने कहा कि हथिनीकुंड में जलाशय की भांति बहुत बड़ी मात्रा में पानी को भंडारित करने की प्रणाली नहीं हैं. उन्होंने कहा कि यदि मान्य सीमा के बाद बैराज में पानी रखा जाता है तो बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है.

हथिनीकुंड बैराज से सीमित रफ्तार से छोड़ा जाए पानी

जानकारी के लिए बता दें एक दिन पहले ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृहमंत्री को पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया था, यदि संभव हो तो हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से सीमित रफ्तार से पानी छोड़ा जाए. उन्होंने इस बात की ओर भी इशारा किया कि दिल्ली कुछ सप्ताहों के अंदर G20 सम्मेलन की मेजबानी करने वाली है. मूसलाधार बारिश से दिल्ली में उफनती यमुना में आज जलस्तर 208.48 मीटर तक पहुंच गया तथा आसपास की सड़कों, सरकारी एवं गैर सरकारी ढांचों/ भवनों में पानी घुस गया एवं नदी के समीप रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा हैं.

बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों में धारा 144 लागू

हर घंटे बिगड़ रही स्थिति के मद्देनजर केजरीवाल ने केंद्र से हस्तक्षेप करने की अपील की तथा दिल्ली पुलिस ने बाढ़ की आशंका वाले क्षेत्रों में धारा 144 लगा दी ताकि चार या उससे अधिक लोग इकट्ठा न हों. इस बीच, अधिकारियों ने कहा कि आज सुबह 10 बजे यमुनानगर में हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से जलप्रवाह 1.62 लाख क्यूसेक था जो मंगलवार सुबह के जलप्रवाह से काफी कम है. मंगलवार को यह करीब 3.21 लाख क्यूसेक था.

हजारों क्यूसेक पानी देखा बहते

बैराज के तकनीकी पहलू को स्पष्ट करते हुए हथिनीकुंड बैराज के अधीक्षण अभियंता रवि मित्तल ने कहा, बांध और बैराज में मुख्य अंतर यह है कि बांध में पानी का भंडारण किया जा सकता है लेकिन बैराज में उसे नहीं रोका जा सकता. यह एक प्रकार से मार्ग परिवर्तन भर है जहां हमारे पास सीमित नियंत्रण होता है. उन्होंने कहा, बैराज में जलाशय नहीं होता है और हमारे पास यहां पानी को रोककर रखने की कोई प्रणाली नहीं है. यदि बैराज में कुछ हजार क्यूसेक पानी है तो भी उसे यमुना नदी में छोड़ना होता है. हिमाचल प्रदेश में हाल की भारी वर्षा के बाद हमने हजारों क्यूसेक पानी बहते देखा.

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