Haryana Election 2024: सुरक्षित सीटों पर है बसपा की नजर

इनेलो का आधार जाट मतदाताओं के बीच है तो बसपा अनुसूचित जाति के बीच प्रभाव रखती है. हरियाणा में जाटों के बाद सबसे अधिक संख्या दलितों की है. ऐसे में बसपा ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों पर फोकस किया है. बसपा प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को हरियाणा में चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी है.

By Vinay Tiwari | September 9, 2024 6:51 PM

Haryana Election 2024:हरियाणा विधानसभा चुनाव बसपा और इंडियन नेशनल लोकदल मिलकर लड़ रहे हैं. वैसे तो इंडियन नेशनल लोकदल(इनेलो) और बसपा का जनाधार पहले के मुकाबले कम हुआ है. इंडियन नेशनल लोकदल में टूट के बाद पार्टी हरियाणा की राजनीति में हाशिये पर पहुंच गयी है. पिछले विधानसभा में इंडियन नेशनल लोकदल सिर्फ एक सीट जीतने में कामयाब हो पाई थी. वहीं पहले के मुकाबले बसपा के जनाधार में भी गिरावट दर्ज हुई है. सियासी जनाधार को वापस हासिल करने के लिए दोनों दलों के बीच गठबंधन हुआ है. इनेलो का आधार जाट मतदाताओं के बीच है तो बसपा अनुसूचित जाति के बीच प्रभाव रखती है. हरियाणा में जाटों के बाद सबसे अधिक संख्या दलितों की है. ऐसे में बसपा ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों पर फोकस किया है. बसपा प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को हरियाणा में चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी है. वोट के लिहाज से बसपा हरियाणा में चौथे नंबर की पार्टी है. पिछले विधानसभा चुनाव में बसपा को लगभग 4.37 फीसदी वोट मिले थे. लेकिन अनुसूचित जाति के आरक्षित कई सीटों पर बसपा को 20 फीसदी से अधिक वोट मिले थे. ऐसे में इस बार पार्टी रणनीति के तहत इन क्षेत्रों पर विशेष फोकस कर रही है.

आकाश आनंद के राजनीतिक कौशल की होगी परीक्षा

हरियाणा चुनाव की जिम्मेदारी संभाल रहे आकाश आनंद चुनावी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं. वे पुराने कार्यकर्ताओं के साथ लगातार बैठक कर दलित मतदाताओं को बसपा के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित कर रह हैं. वे युवाओं पर विशेष फोकस कर रहे हैं और युवा नेताओं के साथ लगातार संवाद कर उन्हें बसपा से जोड़ने की कोशिश भी कर रहे हैं. पार्टी नेताओं का कहना है कि युवा आकाश आनंद के साथ जुड़ भी रहे हैं. मतदाताओं को मतदान केंद्र पर ले जाने के लिए उन्होंने युवाओं की टीम भी तैयार की है. यही नहीं विभिन्न समुदाय के युवाओं से भी मिल रहे हैं. हरियाणा चुनाव में युवाओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रहने वाली है. ऐसे में अगर इस बार चुनाव में बसपा के प्रदर्शन पिछली बार से बेहतर होता है तो आकाश आनंद की पहचान बसपा के एक कुशल राजनीतिक रणनीतिकार की बन जाएगी.

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