Haryana Election: कांग्रेस को तगड़ा झटका, EC ने हरियाणा चुनाव में अनियमितताओं के आरोपों को किया खारिज
Haryana Election: चुनाव आयोग से कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है. आयोग ने हरियाणा चुनाव में अनियमितताओं के कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया है.
Haryana Election: हरियाणा चुनाव में किसी भी तरह की अनियमितता के बारे में कांग्रेस के आरोपों को चुनाव आयोग ने निराधार, गलत और तथ्यहीन बताते हुए खारिज कर दिया. चुनाव आयोग ने कांग्रेस पार्टी को चुनाव दर चुनाव निराधार आरोप लगाने से बचने के लिए पत्र लिखा. चुनाव आयोग ने पार्टी को संदेह फैलाने के लिए आड़े हाथों लिया और इस तरह की प्रवृत्ति को रोकने के लिए दृढ़ और ठोस कदम उठाने का आग्रह किया.
Haryana Election: चुनाव आयोग ने कांग्रेस को दे डाली ऐसी सलाह
चुनाव आयोग ने कांग्रेस से आग्रह किया कि मतदान और मतगणना के दिनों जैसे संवेदनशील समय पर गैर-जिम्मेदाराना आरोप लगाने से सार्वजनिक अशांति और अराजकता पैदा हो सकती है. पिछले एक साल में 5 विशिष्ट मामलों का हवाला देते हुए, चुनाव आयोग ने लंबे समय से अनुभव रखने वाली राष्ट्रीय पार्टी से बिना किसी सबूत के चुनावी संचालन पर आदतन हमले करने से बचने के लिए कहा.
सीईसी ने ईवीएम से छेड़छाड़ और अलग-अलग क्षमता की बैटरी के आरोपों को भी किया था खारिज
मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने हरियाणा की कुछ विधानसभा सीटों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से कथित छेड़छाड़ के कांग्रेस नेताओं के दावों को भी खारिज कर दिया था. कांग्रेस नेताओं ने दावा किया था कि अलग-अलग बैटरी क्षमता वाली ईवीएम ने अलग-अलग नतीजे दिए.
सीईसी ने कहा था- हैकिंग के आरोप पहली बार सामने आया
बैटरी की क्षमता से नतीजों पर पड़ने वाले असर के मुद्दे का जिक्र करते हुए सीईसी ने कहा था कि पहले भी हैकिंग के आरोप लगाए गए थे, लेकिन यह मामला पहली बार सामने आया है. कुमार ने कहा, अब हम सोच रहे हैं कि आगे क्या आएगा, हम नहीं जानते. लेकिन निश्चित रूप से कुछ नया सामने आएगा. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ईवीएम की बैटरी कैलकुलेटर में इस्तेमाल होने वाली बैटरी की तरह ही एकल-इस्तेमाल वाली प्रकृति की होती हैं. उन्होंने कहा, उन्हें सेलफोन की बैटरी की तरह रिचार्ज नहीं किया जा सकता. उनका एक जीवनकाल होता है. उन्होंने बताया था कि मतदान की तारीख से लगभग छह दिन पहले ईवीएम चालू कर दी जाती हैं और उम्मीदवारों के चुनाव चिह्न लोड कर दिए जाते हैं तथा एक नयी बैटरी लगा दी जाती है, जिस पर उम्मीदवारों या उनके अधिकृत एजेंट के हस्ताक्षर होते हैं. ईवीएम तो छोड़िए, यहां तक कि बैटरी पर भी उम्मीदवारों के हस्ताक्षर होते हैं.
पेजर और ईवीएम पर क्या कहा था मुख्य चुनाव आयुक्त ने
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा था कि लोग पूछते हैं कि अगर पेजर का इस्तेमाल किसी देश में धमाकों के लिए किया जा सकता है, तो ईवीएम को हैक क्यों नहीं किया जा सकता. सीईसी ने कहा, पेजर (नेटवर्क से) जुड़े होते हैं, ईवीएम नहीं. हिजबुल्ला और लेबनान के अधिकारियों को बेचे गए पेजर में हाल में विस्फोट हुए थे, जिसके बाद यह दावा किया गया कि उनकी बैटरी में छेड़छाड़ कर इसे अंजाम दिया गया.