Haryana Election: कांग्रेस ने कहा चुनाव आयोग ने खुद को दी क्लीन चिट
कांग्रेस ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा कि आयोग ने पार्टी की शिकायतों पर ठोस जवाब देने की बजाय खुद को क्लीन चिट दे दी. पार्टी ने चुनाव आयोग के पत्र की भाषा पर भी आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव को लेकर आयोग को तथ्यों के साथ दी शिकायतों पर गौर नहीं किया.
Haryana Election: गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी. लेकिन आयोग ने कांग्रेस के सभी शिकायतों को आधारहीन करार देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखा था. पत्र में आयोग ने कहा था कांग्रेस चुनाव नतीजों की विश्वसनीयता के बारे बिना ठोस सबूत के संदेह पैदा करने की कोशिश की. पूर्व में भी पार्टी की ओर से ऐसा किया गया था. उसी तरह का संदेह पैदा कर रही है, जैसा उसने अतीत में किया था. चुनाव आयोग के पत्र को लेकर शुक्रवार को कांग्रेस ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा कि आयोग ने पार्टी की शिकायतों पर ठोस जवाब देने की बजाय खुद को क्लीन चिट देने की कोशिश की.
पार्टी ने चुनाव आयोग के पत्र की भाषा पर भी आपत्ति जाहिर करते हुए कहा कि कांग्रेस ने हरियाणा चुनाव को लेकर आयोग को तथ्यों के साथ कुछ शिकायत दी थी, लेकिन आयोग ने इन शिकायतों का सामान्य जवाब देकर शिकायतकर्ता और याचिकाकर्ता को ही निशाना बनाने का काम किया. कांग्रेस द्वारा चुनाव आयोग को भेजे पत्र पर संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, महासचिव जयराम रमेश, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक सिंघवी, हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष उदय भान, प्रताप सिंह बाजवा और पवन खेड़ा के हस्ताक्षर हैं.
कानूनी विकल्पों का सहारा लेगी पार्टी
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को लिखे पत्र में पार्टी ने कहा कि हमने आयोग के पत्र का विस्तृत अध्ययन किया और पाया कि शिकायतों पर गौर करने की बजाय आयोग खुद को ही क्लीन चिट दे रहा है. पार्टी आयोग के पत्र का जवाब नहीं देती, लेकिन पत्र की भाषा और पार्टी के खिलाफ लगाए गए आरोप को देखते हुए जवाबी पत्र लिखना जरूरी हो गया. कांग्रेस ने पत्र में कहा है कि हमें यह पता नहीं है कि चुनाव आयोग को कौन सलाह दे रहा है. लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि चुनाव आयोग यह भूल गया कि उसका गठन संविधान के तहत निहित काम को पारदर्शी तरीके से करने के लिए किया गया है.
पार्टी ने कहा कि अगर चुनाव आयोग कांग्रेस के प्रति ऐसे ही शब्दों और भाषा का इस्तेमाल करता रहा तो पार्टी के पास कानूनी विकल्प अपनाने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है. न्यायाधीश जब फैसला लिखते हैं तो वह याचिकाकर्ता के खिलाफ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करते हैं. गौरतलब है कि 8 अक्टूबर को हरियाणा चुनाव नतीजों को लेकर कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मिलकर ईवीएम की बैटरी और अन्य शिकायत की थी. चुनाव आयोग ने 29 अक्टूबर को कांग्रेस के नियमितता से संबंधित कांग्रेस आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया था.