Haryana Election Result: हरियाणा चुनाव परिणाम आम आदमी पार्टी के लिए सबक
हरियाणा में भाजपा की जीत भी केजरीवाल के लिए बड़ी चुनौती है. दिल्ली में भाजपा अब पूरे आत्मविश्वास से आप का मुकाबला करेगी. इसके लिए पार्टी ने रणनीति भी तैयार कर ली है.
Haryana Election Result: हरियाणा में विधानसभा चुनाव परिणाम राजनीतिक दलों लिए सबक है कि अति-आत्मविश्वास से जीती बाजी भी हारी जा सकती है. ऐसे में माहौल कितना भी अनुकूल हो चुनाव को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए. हरियाणा चुनाव में आम आदमी पार्टी भी मैदान में थी, लेकिन पार्टी को कोई कामयाबी नहीं मिल पायी. लेकिन हरियाणा के नतीजे से आम आदमी पार्टी चौकन्नी हो गयी है. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री के बयान से साफ जाहिर होता है कि पार्टी अगले साल दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव को हल्के में नहीं लेगी.
केजरीवाल एक कार्यक्रम में हरियाणा चुनाव परिणाम से सबक लेने की बात कही. उन्होंने कहा कि कभी भी अति आत्मविश्वासी नहीं होना चाहिए. हरियाणा चुनाव परिणाम का सबसे बड़ा सबक यह है कि चुनावों में कभी भी अति आत्मविश्वासी नहीं होना चाहिए और किसी को हल्के में नहीं लेना चाहिए. हर चुनाव और हर सीट मुश्किल होती है. दिल्ली में अगले साल फरवरी में विधानसभा चुनाव होना है. पिछले 10 साल से दिल्ली की सत्ता पर आम आदमी पार्टी काबिज है. केजरीवाल सहित आम आदमी के कई नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप है. दिल्ली में सड़कों की स्थिति बदहाल है. इसके अलावा कई अन्य मुद्दे हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी के लिए अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पुराना प्रदर्शन दोहराना बड़ी चुनौती होगी.
काम पर ध्यान दें विधायक और पार्षद
केजरीवाल ने पार्टी के विधायकों और पार्षदों से अगले साल फरवरी में होने वाले चुनावों के लिए कड़ी मेहनत करने को कहा. पार्षदों को कहा कि उनके वार्ड से कूड़े का सही तरीके से संग्रह और निपटान होना चाहिए. विधानसभा चुनाव में पार्षदों की भूमिका अहम होगी. दिल्ली नगर निगम पर आप का कब्जा है और दिल्ली में कूड़ा और साफ-सफाई बड़ी समस्या है. इस मोर्चे पर अब आम आदमी पार्टी दूसरे पर दोष नहीं दे सकती है. अरविंद केजरीवाल इस चुनौती को समझ चूके हैं.
हरियाणा में भाजपा की जीत भी केजरीवाल के लिए बड़ी चुनौती है. दिल्ली में भाजपा अब पूरे आत्मविश्वास से आप का मुकाबला करेगी. इसके लिए पार्टी ने रणनीति भी तैयार कर ली है. गौरतलब है कि हरियाणा में आम आदमी पार्टी ने 90 में से 89 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किये थे. आप ने कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन की कोशिश की थी, लेकिन सहमति नहीं बन पायी.