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Haryana Election: हरियाणा में मिली हार के कारणों का पता लगाएगी कांग्रेस

हरियाणा में मिली हार के कारणों का पता लगाने के लिए कांग्रेस ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया. यह कमेटी पार्टी प्रत्याशियों और पार्टी के नेताओं से मिलकर हार के कारणों का पता लगाकर कांग्रेस अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपेगी.

Haryana Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली हार से कांग्रेस सकते में है. कांग्रेस इस हार को पचा नहीं पा रही है और इसके लिए ईवीएम और चुनाव आयोग को दोषी ठहराने से भी पीछे नहीं हट रही है. बुधवार को कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मिलकर चुनाव संबंधी शिकायतों की सूची सौंपी थी. लेकिन इससे इतर हार के कारणों का पता लगाने के लिए पार्टी ने गुरुवार को एक बड़ी बैठक की. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर हुई बैठक में राहुल गांधी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, अजय माकन और अशोक गहलोत मौजूद रहे.

जबकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान बैठक में शामिल नहीं हुए. बैठक में हार के कारणों का पता लगाने के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया. यह कमेटी पार्टी प्रत्याशियों और पार्टी के नेताओं से मिलकर हार के कारणों का पता लगाकर कांग्रेस अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपेगी. फैक्ट फाइंडिंग कमेटी कांग्रेस प्रत्याशियों और प्रदेश के नेताओं से मिलेगी और अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष को देगी. पार्टी के नेताओं का कहना है कि बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि हरियाणा में हार की वजह पार्टी की बजाय नेताओं का अपना हित हावी रहना है. 


हार के लिए जिम्मेदार नेताओं पर हो सकती है कार्रवाई

कांग्रेस को पूरी उम्मीद थी कि इस बार हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनना तय है. ऐसे में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर पार्टी में कई गुट बन गये. पार्टी को सबसे बड़ी परेशानी कुमार शैलजा की नाराजगी रही. रणदीप सुरजेवाला भी नाराज रहे और सिर्फ बेटे के चुनाव प्रचार तक खुद को सीमित कर लिया. नाराजगी के कारण शैलजा लगभग दो हफ्ते तक चुनाव प्रचार से दूर रही. इसके अलावा भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मनमानी के कारण पार्टी के कई अन्य नेता भी नाराज हो गए. पार्टी में कई गुट बन गए और टिकट नहीं मिलने के कारण कई नेता बागी हो गए.

इसके कारण शुरुआत में बढ़त मिलती दिख रही पार्टी का चुनावी अभियान चुनाव आते-आते पटरी से उतर गया. आरोप है कि कई नेताओं ने पार्टी नेताओं को हराने में मदद की. फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद पार्टी के हित के खिलाफ काम करने वाले नेताओं पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है. हुड्डा से नाराजगी के कारण चुनाव से पूर्व किरण चौधरी भाजपा में शामिल हो गयी. पार्टी नेताओं का कहना है कि चुनाव अभियान से लेकर टिकट वितरण में एक नेता की मर्जी और मनमानी का खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ा है. 

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