Haryana: ‘हरियाणा सरकार ने रॉबर्ट वाड्रा को नहीं दी है क्लीन चिट’, अब ये बात आयी सामने
Haryana news : खबर आयी कि हरियाणा सरकार ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट को बताया कि कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी द्वारा रियलिटी कंपनी डीएलएफ को जमीन हस्तांतरित करने में नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया गया.
Haryana news : हरियाणा सरकार के द्वारा कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा को राहत देने की खबर ने जहां एक ओर सुर्खियां बटोरी तो, वहीं दूसरी ओर मामले को लेकर हरियाणा के सीएम के ओएसडी जवाहर यादव ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने जमीन घोटाले के मामले में रॉबर्ट वाड्रा को कोई क्लीन चिट नहीं दी है. कांग्रेस ‘झूठी अफवाह’ फैलाने का काम कर रही है.
यादव ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात की और कहा कि जमीन घोटाले मामले में रॉबर्ट वाड्रा को अभी तक क्लीन चिट नहीं मिली है. जांच एजेंसी अपना काम कर रही है. मामले की जांच जारी है. कांग्रेस झूठी अफवाह फैला रही है. जांच पूरी होने के बाद ही कोई जानकारी साझा की जाएगी.
क्या आयी खबर
गुरुवार को खबर आयी कि हरियाणा सरकार ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट को बताया कि कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी द्वारा रियलिटी कंपनी डीएलएफ को जमीन हस्तांतरित करने में नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया गया. यह जांच हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और कुछ अन्य के खिलाफ सितंबर 2018 में गुरुग्राम में दर्ज एक प्राथमिकी से जुड़ी है.
Haryana | Robert Vadra hasn't yet got a clean chit in the land scam case. The investigation agency is doing its work. The probe is on. Congress is spreading false rumours. We will let you know about the result after the investigation is concluded: Jawahar Yadav, OSD, Haryana pic.twitter.com/lpUtOt9rif
— ANI (@ANI) April 21, 2023
हलफनामे में सरकार ने क्या कहा
आपको बता दें कि कोर्ट में बुधवार को दाखिल एक हलफनामे में सरकार ने कहा कि गुरुग्राम में मानेसर के तहसीलदार ने बताया कि मेसर्स स्काइटलाइट हॉस्पिटैलिटी ने 18 सितंबर 2012 को मेसर्स डीएलएफ यूनिवर्सल लिमिटेड को 3.5 एकड़ जमीन बेची तथा इस लेनदेन में नियमों का कोई उल्लंघन नहीं किया गया. बहरहाल, हरियाणा पुलिस इस सौदे के दौरान हुए वित्तीय लेनदेन की जांच कर रही है. हलफनामे में कहा गया है कि आगे की जांच के लिए 22 मार्च 2023 को एक नयी एसआईटी का गठन किया गया जिसमें डीसीपी, दो एसीपी, एक इंस्पेक्टर तथा एक एएसआई है.
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गौर हो कि भाजपा ने हरियाणा में पूर्व कांग्रेस सरकार के दौरान हुए जमीन सौदों में अनियमितताओं का आरोप लगाया था तथा 2014 के चुनावों में इसे प्रमुख मुद्दा बनाया था.