Cough Syrup Case: हरियाणा सरकार ने मेडन फार्मा के कफ सीरप उत्पादन पर लगाई रोक, WHO ने दी थी चेतावनी
कफ सीरप के उत्पादन की केंद्र और हरियाणा राज्य के दवा विभागों की संयुक्त निरीक्षण की गई. परीक्षण में इनमें 12 खामियां पाई गईं जिसके बाद हरियाणा सरकार ने हुए निर्णय लिया कि सिरप का उत्पादन बंद करा दिया जाए. वहीं, मामले को लेकर हरियाणा दवा नियंत्रक ने कंपनी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है.
Maiden Pharmaceuticals Cough Syrups: हरियाणा सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड के कफ सीरप के उत्पादन पर रोक लगा दी है. बता दें, गांबिया में 66 बच्चों की मौत के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से मेडन फार्मास्युटिकल्स के चार कफ सीरप के खिलाफ मेडिकल अलर्ट जारी किया गया था. डब्ल्यूएचओ ने कहा था मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड की ओर से दूषित और कम गुणवत्ता वाले कफ सीरप गांबिया में बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं. जिसके बाद हरियाणा सरकार ने यह कदम उठाया.
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने दी जानकारी: सीरप के उत्पादन पर बैन की जानकारी देते हुए हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि राज्य सरकार ने कफ सीरप के उत्पादन पर रोक लगा दी है. विज ने कहा कि डब्ल्यूएचओ की ओर से मेडिकल अलर्ट जारी होने के बाद सरकार ने फार्मास्युटिकल्स कंपनी के चारों कफ सीरप के सैंपल को कोलकाता जांच के लिए भेजा था. उन्होंने बताया कि अभी रिपोर्ट नहीं आई है.
पाई गई थी 12 खामियां: न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड के कफ सिरप के उत्पादन की केंद्र और हरियाणा राज्य के दवा विभागों की संयुक्त निरीक्षण की गई. परीक्षण में इनमें 12 खामियां पाई गईं जिसके बाद हरियाणा सरकार ने हुए निर्णय लिया कि सीरप का उत्पादन बंद करा दिया जाए. वहीं, मामले को लेकर हरियाणा दवा नियंत्रक ने कंपनी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है. साथ ही पूछा है कि कंपनी कारण बताये कि सीरप का उत्पादन बंद क्यों नहीं किया जाये.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा कि गाम्बिया में चिन्हित की गई उन दूषित दवाओं का असर अभी सिर्फ गांबिया में दिखा है. ये दवाएं भारत में उत्पादित कफ सीरप हैं. WHO ने आशंका जताई है कि संभवता अन्य देशों में भी इस दवा को सप्लाई किया गया होगा. ऐसे में डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि दवा के तथाकथित हानिकारक प्रभाव को देखते हुए इन उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाएं.