Haryana New CM Name: हरियाणा में हुए चुनाव के रुझान आने लगे हैं. इस बार जनता कांग्रेस पर भरोसा जताते हुए नजर आ रही है. यदि रुझान परिणाम में बदलते हैं तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी. इसके बाद का सवाल ये होगा कि कांग्रेस किसे सीएम बनाएगी. रेस में कई नाम हैं. इन नामों में एक महिला भी है जिनका नाम कुमारी शैलजा है, जिनकी गिनती पार्टी में दिग्गज नेता के रूप में होती है. जानकारों की मानें तो कांग्रेस यदि महिला फार्मूला अपनाए तो शैलजा को सीएम बना सकती है. ऐसा करके कांग्रेस प्रदेश को पहला महिला मुख्यमंत्री देने का प्रयास करेगी.
सूबे को अभी तक कोई महिला मुख्यमंत्री नहीं मिली है. अबतक सिर्फ 87 महिलाएं विधानसभा पहुंचीं हैं. हरियाणा चुनाव में अभी तक पुरुषों का ही दबदबा नजर आया है. इस बार भी विधानसभा चुनाव में सिर्फ 51 महिला उम्मीदवार मैदान में हैं. प्रमुख राजनीतिक दलों ने जिन महिला उम्मीदवारों को चुनावी अखाड़े में उतारा है, उनमें से अधिकतर का या तो राजनीतिक परिवार से नाता है या फिर वे कोई ऐसा चेहरा है जो हमेशा चर्चा में रहता है.
कांग्रेस ने सबसे अधिक महिला उम्मीदवारों को दिया टिकट
हरियाणा 1966 में पंजाब से अलग हुआ था. इसके बाद ये नया राज्य बना. इसके बाद से विधानसभा में अभी तक केवल 87 महिलाएं चुनकर पहुंची हैं. हरियाणा की चर्चा खराब लैंगिक अनुपात के लिए हमेशा होती है. यहां अभी तक कभी कोई महिला मुख्यमंत्री नहीं बनी है. उम्मीदवारों की सूची पर गौर करने से पता चलता है कि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सबसे अधिक 12 महिला उम्मीदवारों को इस बार चुनावी मैदान में उतारा है. इसके बाद गठबंधन में चुनाव लड़ रहे भारतीय राष्ट्रीय लोकदल (इनेलो) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने संयुक्त रूप से 11 महिला उम्मीदवारों को, वहीं सत्तारूढ़ बीजेपी ने 10 महिला उम्मीदवारों का टिकट दिया है. जननायक जनता पार्टी (जजपा) और आजाद समाज पार्टी (आसपा) का गठबंधन 85 सीट पर चुनाव लड़ रहा है और केवल 8 पर महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है. आम आदमी पार्टी (आप) की 90 उम्मीदवारों की सूची में 10 महिलाएं शामिल हैं.
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हरियाणा में कितनी महिला विधायक चुनीं गईं?
हरियाणा विधानसभा के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो, साल 2000 से अभी तक हुए 5 विधानसभा चुनाव में कुल 47 महिलाएं राज्य में विधायक चुनी गईं. साल 2023 में यहां प्रति 1,000 लड़कों पर 916 लड़कियां थीं. साल 2019 के चुनाव में 104 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं, जिनमें निर्दलीय उम्मीदवार भी शामिल हैं. साल 2014 के चुनाव में सबसे अधिक 116 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं जिनमें से 13 ने जीत दर्ज की थी. 2019 के चुनाव में यह संख्या घटकर 9 रह गई.