Haryana Next CM: एग्जिट पोल के बाद कांग्रेस गदगद, लेकिन अभी आगे और बढ़ेगी टेंशन, जानें कैसे
Haryana Next CM: एग्जिट पोल के पूर्वानुमानों से हरियाणा में कांग्रेस की मजबूत वापसी के संकेत मिल रहे हैं, जिसमें एक दशक तक विपक्ष में रहने के बाद पार्टी को 90 सीटों वाली विधानसभा में से 55 सीटें जीतने का अनुमान है. बीजेपी को केवल 26 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. अगर कांग्रेस 10 साल बाद हरियाणा विधानसभा जीतती है तो सीएम का चेहरा कौन होगा? इस सवाल का जवाब सभी जानना चाहते हैं.
Haryana Next CM: हरियाणा की 90 विधानसभा सीट के लिए चुनाव संपन्न हो गए हैं. इसके बाद आए एग्जिट पोल में यहां कांग्रेस की सरकार बनती नजर आ रही है. यदि ये परिणाम में बदलते हैं तो कांग्रेस की टेंशन कम नहीं होगी. ऐसा इसलिए क्योंकि उसके लिए सीएम का चयन करना आसान नहीं होगा. प्रदेश के तीन दिग्गज नेताओं में से किसी एक का चयन पार्टी के लिए टेढ़ी खीर साबित होने वाली है. दरअसल, कांग्रेस के भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी शैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला रेस में सबसे आगे नजर आ सकते हैं.
अपने मताधिकार का प्रयोग करने के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता हुड्डा, कुमारी शैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक सुर में कहा कि उनकी पार्टी अगली सरकार बनाएगी और पार्टी के चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस आला कमान अगले मुख्यमंत्री पर फैसला करेगा. यानी दिल्ली में बैठे कांग्रेस के नेता सीएम का चयन करेंगे.
राजनीति ऐसी चीज है कि कोई भी आकांक्षा रख सकता है: हुड्डा
कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद किसे मुख्यमंत्री बनाया जाएगा? श्ह सवाल जब हुड्डा ने किया गया तो उन्होंने बहुत ही सहजता ये बात दोहरायी कि पार्टी में एक निर्धारित प्रक्रिया है, जिसके अनुसार पार्टी विधायकों की राय ली जाएगी. इसके बाद आला कमान फैसला करेगा. यह पूछे जाने पर कि कुमारी सैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं, तो इसके जवाब में हुड्डा ने कहा कि राजनीति ऐसी चीज है कि कोई भी आकांक्षा रख सकता है, लेकिन एक प्रक्रिया है कि विधायक अपनी राय देंगे, जिसके बाद आला कमान निर्णय करेगा.
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हुड्डा और कुमारी शैलजा में नजर आ चुकी है खटास
जुलाई के महीने में हरियाणा में विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस की टेंशन बढ़ती नजर आई थी. प्रदेश से गुटबाजी की खबरें सुर्खियों में थीं. दरअसल, एक ओर जहां कांग्रेस महासचिव कुमारी शैलजा पदयात्रा की तैयारी में जुटी हुईं थीं वहीं, इसके कुछ दिन बाद ही प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी ‘हरियाणा मांगे हिसाब यात्रा’ की घोषणा कर दी. दोनों ही यात्राओं के बीच केवल 3 दिनों का अंतर है. ऐसा पहली बार नहीं था कि इस तरह की गुटबाजी देखने को मिली. जनवरी में भी हरियाणा कांग्रेस में इस तरह का वाकया देखने को मिल चुका है जब दो अलग-अलग कार्यक्रम किए गए थे, जिसकी अगुवाई शैलजा और हुड्डा करते नजर आए थे.