Nuh Violence Update : हरियाणा में बीते महीने 31 जुलाई को मेवात के नूंह जिले में हुए हिंसा की आग अब जाकर कम हुई है. ऐसे में गुरुग्राम तक फैले इस हिंसा में करीब 6 लोगों की मौत की खबर है. जबकि कई लोग घायल थे. यात्रा के दौरान कुछ लोगों के द्वारा पथराव की घटना से शुरू हुई यह हिंसा हत्या और आगजनी में तब्दील हो गयी. पुलिस थाने को भी शिकार बनाते हुए हमला किया गया था. लेकिन, अब हरियाणा सरकार ने हिंसा के कारण को लेकर बड़ा बयान दिया है और बताया है कि इसका उद्देश्य क्या था.
सबूतों को नष्ट करना था मकसद
हरियाणा सरकार ने शनिवार को कहा है कि नूंह जिले में साइबर अपराध थाने पर हमले का उद्देश्य इस साल की शुरुआत में बड़े पैमाने पर सामने आए धोखाधड़ी से संबंधित सबूतों को नष्ट करना था. 31 जुलाई को नूंह में भड़की हिंसा के दौरान साइबर अपराध पुलिस थाने को निशाना बनाया गया था. भीड़ द्वारा विश्व हिंदू परिषद की शोभायात्रा को रोकने की कोशिश के बाद भड़की सांप्रदायिक झड़प में दो होमगार्ड कर्मी और एक इमाम सहित 6 लोगों की मौत हो गई थी और यह झड़प पिछले कुछ दिनों में गुरुग्राम तक फैल गई.
हिंसा की आड़ में सबूतों को नष्ट करने की कोशिश
सरकार ने एक बयान में कहा कि पिछले कुछ दिनों में नूंह में हुई हिंसा की आड़ में छापेमारी के दौरान जुटाए गए सबूतों को नष्ट करने की कोशिश की गई और साइबर पुलिस थाने पर हमला किया गया. इसमें कहा गया कि भारी धोखाधड़ी और अन्य अपराधों से संबंधित दस्तावेज पुलिस थाने में रखे हुए थे. बता दें कि हरियाणा पुलिस ने अप्रैल में अपनी तरह की अब तक की सबसे बड़ी छापेमारी में करीब 100 करोड़ रुपये की साइबर धोखाधड़ी का खुलासा किया था. कार्रवाई के तहत नूंह के 14 गांवों में फैले साइबर अपराधियों के 320 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी और 65 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया था.
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हमले को बहुत गंभीरता से लिया
पुलिस की इस कार्रवाई में बरामद समानों में 66 मोबाइल फोन और कई फर्जी दस्तावेज भी शामिल है. वहीं, हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा था कि हरियाणा सरकार ने साइबर अपराध पुलिस थाने पर हमले को बहुत गंभीरता से लिया है. बता दें कि इस हिंसा में शामिल कई आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. साथ ही पुलिस के द्वारा घटना की जांच अभी भी जारी है ताकि हिंसा को भड़काने में कौन-कौन शामिल था यह पता लगाया जा सके.