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Haryana Political Crisis: हरियाणा में सियासी संकट, तीन निर्दलीय विधायकों ने सरकार से समर्थन वापस लिया

Haryana Political Crisis: लोकसभा चुनाव के बीच हरियाणा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को झटका देते हुए तीन निर्दलीय विधायकों ने मंगलवार को घोषणा की कि उन्होंने राज्य में नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है.

By ArbindKumar Mishra | May 7, 2024 6:58 PM
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Haryana Political Crisis: तीन विधायकों-सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलन और धर्मपाल गोंदर ने यह भी कहा कि उन्होंने चुनाव के दौरान कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया है. तीनों विधायकों ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख उदय भान की मौजूदगी में रोहतक में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की.

हम अब कांग्रेस के साथ : गोंदर

धर्मपाल गोंदर ने कहा, हम सरकार से समर्थन वापस ले रहे हैं. हम अब कांग्रेस के साथ हैं. उन्होंने कहा, हमने किसानों से जुड़े मुद्दों सहित विभिन्न मुद्दों पर यह निर्णय लिया है. उदय भान ने कहा, तीन निर्दलीय विधायकों -सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलन और धर्मपाल गोंदर ने भाजपा नीत सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है और कांग्रेस को अपना समर्थन देने का फैसला किया है. उदय भान ने कहा, मैं यह भी कहना चाहता हूं कि (90 सदस्यीय) हरियाणा विधानसभा की मौजूदा क्षमता 88 की है, जिसमें से भाजपा के 40 सदस्य हैं. भाजपा नीत सरकार को पहले जननायक जनता पार्टी (जजपा) के विधायकों और निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त था, लेकिन जजपा ने भी समर्थन वापस ले लिया था और अब निर्दलीय भी साथ छोड़ रहे हैं.

नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार अल्पमत में : उदय भान

उदय भान ने कहा, नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार अब अल्पमत में है. मुख्यमंत्री सैनी को अपना इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि उन्हें एक मिनट भी पद पर रहने का अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य में जल्द से जल्द विधानसभा चुनाव होने चाहिए.

समर्थन वापसी पर क्या बोले सीएम नायब सिंह सैनी

निर्दलीय विधायकों द्वारा हरियाणा सरकार से समर्थन वापस लेने और कांग्रेस को समर्थन देने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर, हरियाणा के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता नायब सिंह सैनी ने कहा, मुझे यह जानकारी मिली है. शायद कांग्रेस कुछ लोगों की इच्छाओं को पूरा करने में लगी हुई है. अब कांग्रेस को जनता की इच्छाओं से कोई लेना-देना नहीं है.

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