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Haryana Political Crisis: दुष्यंत चौटाला की फ्लोर टेस्ट की मांग पर कांग्रेस हुई एक्टिव, मांगा राज्यपाल से मिलने का समय

जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला ने राज्यपाल को पत्र लिखकर अविलंब प्रदेश में फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की है. सरकार अगर बहुमत साबित नहीं कर पाती है, तो राष्ट्रपति शासन लगाने की बात भी उन्होंने पत्र में लिखी है.

By Rajneesh Anand | May 9, 2024 6:02 PM
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Haryana political crisis : कांग्रेस नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने आज कहा कि पार्टी ने राज्यपाल से मिलने के लिए 10 मई शुक्रवार का समय मांगा है. प्रदेश में बीजेपी की सरकार अपना बहुमत खो चुकी है और अल्पमत की सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. गौरतलब है कि इससे पहले जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला ने भी राज्यपाल से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की थी. जननायक जनता पार्टी के नेता दुष्यंत चौटाला ने गुरुवार को हरियाणा के राज्यपाल को एक पत्र लिखकर प्रदेश में फ्लोर टेस्ट की मांग की है. गौरतलब है कि सत्ताधारी बीजेपी सरकार से तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है जिसके बाद यह दावा किया जा रहा है कि प्रदेश कि नायाब सिंह सैनी की सरकार अल्पमत में आ गई है. ज्ञात हो कि जननायक जनता पार्टी पहले बीजेपी की सहयोगी रह चुकी है, लेकिन अब वे यह कह रहे हैं कि वे कांग्रेस की मदद से प्रदेश की बीजेपी सरकार को सत्ता से हटा सकते हैं.

अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेंगे :दुष्यंत चौटाला

दुष्यंत चौटाला ने पत्र में लिखा है कि यह यह स्पष्ट है कि नायाब सैनी की सरकार अब बहुमत में नहीं है, इसलिए अतिशीघ्र बहुमत परीक्षण कराया जाना चाहिए. उन्होंने दावा किया कि दो महीने पहले बनी सैनी की सरकार अल्पमत में आ गई है क्योंकि उन्हें समर्थन देने वाले तीन विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है. न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए दुष्यंत चौटाला ने कहा कि अगर अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है , तो वे इसका समर्थन करेंगे. समर्थन वापस लेने वाले तीन विधायक हैं- पुंडरी से रणधीर गोलन, नीलोखेड़ी से धर्मपाल गोंदर और चरखी दादरी से सोमबीर सिंह सांगवान. इन विधायकों ने कांग्रेस को समर्थन देने का फैसला किया.

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राज्यपाल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाएं

दुष्यंत चौटाला ने कहा कि राज्यपाल के पास यह शक्ति है कि वे फ्लोर टेस्ट का आदेश दें. उन्होंने यह कहा कि सरकार के पास अगर बहुमत होगा तो वे साबित करेंगे और अगर नहीं होगा, तो राज्यपाल को तुरंत प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए. वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी ने कहा कि उनकी सरकार पर कोई संकट नहीं है. वहीं पूर्व मुख्मंत्री एमएल खट्टर ने कहा कि सरकार पर कोई संकट नहीं है, कई विधायक हमारे संपर्क में हैं और चिंता करने की कोई बात नहीं है. प्रदेश में राजनीतिक हलचल तब तेज हुई है जब लोकसभा चुनाव चल रहे हैं और अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होना है. 90 सदस्यीय विधानसभा में अभी 88 विधायक हैं, जिनमें से 40 बीजेपी के 30 कांग्रेस के और 10 जेजेपी विधायक है. जबकि छह निर्दलीय और इनेलो और हरियाणा लोकहित पार्टी के एक-एक सदस्य हैं.

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