हरियाणा द्वारा हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी में एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. यमुना के जलस्तर ने पिछले 45 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है और 207.89 मीटर पर पहुंच चुका है. साल 1978 में उच्चतम बाढ़ स्तर 207.49 मीटर था. मालूम हो दिल्ली हमेशा हथिनीकुंड बैराज से डरी रहती है. उसके ऊपर बाढ़ का खतरा लगातार बना रहता है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यमुना के जलस्तर बढ़ने को लेकर केंद से हस्तक्षेप की मांग की
बाढ़ के खतरे के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यमुना के जलस्तर को लेकर केंद्र से हस्तक्षेप करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि केंद्र यह सुनिश्चित करे की यमुना का पानी और न बढ़े.
दिल्ली से क्या है हथिनीकुंड का कनेक्शन
हथिनी कुंड बैराज दिल्ली और हरियाणा के बीच यमुना के पानी का बंटवारा करता है. दिल्ली को 60 फीसदी पानी हथिनीकुंड बैराज से ही मिलती है. इसलिए दिल्ली के लिए हथिनीकुंड लाइफ लाइन है. लेकिन पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली के लिए यह खतरा भी बन जाता है. बराज पर प्रवाह दर 352 क्यूसेक है, लेकिन भारी बारिश की वजह से इसकी क्षमता को देखते हुए पानी को खोलना मजबूरी हो जाता है.
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यमुना में छोड़ा गया पानी कितनी देर में पहुंचता है दिल्ली
हरियाणा जब हथिनी कुंड बैराज से पानी छोड़ता है, तो उसे दिल्ली पहुंचने में दो से तीन दिन लग जाता है. यानी 72 घंटे में बराज का पानी दिल्ली में प्रवेश करता है. अब सवाल उठता है कि आखिरी बराज से पानी क्यों छोड़ा जाता है. दरअसल हथिनी कुंड बैराज का निर्माण यमुना के पानी को नियंत्रित करने के लिए किया गया है. इससे हरियाणा के लोगों को सिंचाई का पानी मिलता है. हरियाणा के लोगों को बराज के निर्माण से बाढ़ का खतरा भी कम हो गया है. लेकिन जबभी भारी बारिश होती है, हथिनी कुंड बैराज के फाटक को खोल दिया जाता है. हर साल बारिश के मौसम में यहां से लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा जाता है, जिससे दिल्ली पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगता है.
बाढ़ की आशंका के बीच हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर किया गया स्थानांतरित
यमुना के जलस्तर में लगातार वृद्धि से दिल्ली पर बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है. यमुना नदी किनारे स्थित कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है. हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है. दिल्ली पुलिस ने एहतियात के तौर पर संवेदनशील इलाकों में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी. आईटीओ के पास स्थित दिल्ली परिवहन निगम मुख्यालय में जलजमाव हो गया. उत्तरपूर्वी दिल्ली के गांधी मेंडू और उस्मानपुर गांवों में बाढ़ का पानी चार फुट से ऊपर हो गया है. मालूम हो दिल्ली में यमुना नदी के पास स्थित निचले इलाके बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील माने जाते हैं और वहां करीब 37,000 लोग रहते हैं.