Hathras Gangrape Case: पीड़िता के माता-पिता की बिगड़ी तबियत, अस्पताल जाने से किया इनकार, बातचीत करने पहुंचे सीएमओ
हाथरस कांड (Hathras Case) की पीड़िता के माता-पिता की अचानक तबीयत बिगड़ गई है. तबियत बिगड़ने के बाद पीड़िता की मां को अस्पताल (Hospital) ले जाया गया है. उनके साथ दो और लोगों भेजा गया है.
Hathras Gangrape Case : हाथरस कांड (Hathras Case) की पीड़िता के माता-पिता की अचानक तबीयत बिगड़ गई है. तबियत बिगड़ने के बाद पीड़िता की मां को अस्पताल (Hospital) ले जाया गया है. उनके साथ दो और लोगों भेजा गया है. दोनों पीड़िता के परिवार के सदस्य हैं. वहीं, पता चला है कि पीड़िता के पिता की भी तबियत खराब हो गई है. उनका ब्लड प्रेशर हाई (High Blood Pressure) है. लेकिन ताबियत खराब होने के बाद भी उन्होंने अस्पताल जाने से मना कर दिया है. जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाने की कवायद हो रही है.
#हाथरस पीड़िता की मां की तबीयत खराब होने पर उन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा है उनके साथ उनके परिवार के दो सदस्य भी हैं।
पीड़िता के पिता की तबीयत खराब होने की सूचना मिलने पर हाथरस के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पीड़िता के घर गए।#UttarPradesh https://t.co/bhjG5okdGX pic.twitter.com/SKHZVls6GJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 13, 2020
वहीं, सूचना मिलने के बाद सीएमओ बृजेश राठौड़ ने कहा है कि वो खुद गांव जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि गांव पहुंचकर वो खुद बात पीड़िता के गिता से बात करेंगे. सीएमओ ने कहा कि हम उन्हें जिला चिकित्सालय लेकर जाएंगे, जो इलाज हम कर पाएंगे करेंगे, अगर जरूरी हुआ तो लेकर जाएंगे.
गांव पहुंची सीबीआई की टीम : इधर, हाथरस गैंगरेप की जांच के लिए सीबीआई की टीम आज पीड़िता के गांव पहुंची, सीबीआई घटना की जांच करेगी. अबतक मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई यहां एक अस्थाई कार्यालय भी खोल सकती है. इधर, पुलित ने भी घटनास्थल की सुरक्षा कड़ी कर दी है. मौके पर किसी को जाने नहीं दिया जा रहा है.
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लखनऊ पीठ में हाथरस मामले की सुनवाई हुई : इससे पहले इलाहाबाद हाइकोर्ट की लखनऊ पीठ में हाथरस मामले की सुनवाई हुई. लेकिन कोर्ट ने इस मामले में कोई आदेश नहीं दिया. मामले की अगली सुनवाई दो नवंबर को तय की गयी है. जस्टिस पंकज मित्तल की अगुआई वाली पीठ ने सुनवाई की. इस दौरान गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव, डीजीपी, हाथरस डीएम और एसपी भी कोर्ट में उपस्थित हुए.
सुनवाई के दौरान डीएम ने अदालत के सामने सफाई देते हुए कहा कि पीड़िता के शव के रातोंरात अंतिम संस्कार करने का फैसला कानून-व्यवस्था बनाये रखने के लिए किया गया था. इधर, सीबीआइ ने भी जांच तेज करते हुए मुख्य आरोपी संदीप कुमार सिंह के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर लिया है.
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Posted by : Pritish Sahay