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Hathras Satsang: अजीज की डेड बॉडी का इंतजार कर रहे 116 परिवार, बर्फ की सिल्ली पर पड़े हैं मृतक

Hathras Satsang: हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र के पुलराई गांव में आयोजित प्रवचनकर्ता भोले बाबा के सत्संग में मंगलवार को भगदड़ मच गई, जिससे इतना बड़ा हादसा हुआ. भगदड़ दोपहर बाद करीब करीब 3.30 बजे हुई, जब बाबा कार्यक्रम स्थल से निकल रहे थे.

By KumarVishwat Sen | July 3, 2024 8:12 AM
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Hathras Satsang: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में आयोजित एक सत्संग में मंगलवार को जानलेवा भगदड़ के बाद सरकारी अस्पताल के अंदर बड़ा ही हृदयविदारक और मार्मिक मंजर देखने को मिल रहा है. अस्पताल के अंदर बर्फ की सिल्लियों पर शवों को रखा गया है, जबकि पीड़ितों के विलाप करते परिजन शवों को घर ले जाने के लिए रात में बूंदाबांदी के बीच बाहर इंतजार करते दिखाई दिए. आधिकारिक तौर पर यह बताया जा रहा है कि इस भगदड़ में करीब 116 लोगों की जान चली गई है, जिनमें 108 महिलाएं, सात बच्चे और एक पुरुष शामिल हैं

लापता सदस्यों को तलाश रहे लोग

हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र के पुलराई गांव में आयोजित प्रवचनकर्ता भोले बाबा के सत्संग में मंगलवार को भगदड़ मच गई, जिससे इतना बड़ा हादसा हुआ. भगदड़ दोपहर बाद करीब करीब 3.30 बजे हुई, जब बाबा कार्यक्रम स्थल से निकल रहे थे. भगदड़ वाली जगह से सबसे नजदीकी स्वास्थ्य सुविधा केंद्र सिकंदराराऊ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के बाहर कई लोग देर रात तक अपने लापता परिवार के सदस्यों की तलाश करते नजर आए.

कोई मां तो कोई बुआ की कर रहा था पहचान

कासगंज जिले में रहने वाले राजेश ने बताया कि वह अपनी मां को ढूंढ रहा, जबकि शिवम अपनी बुआ को ढूंढते मिला. दोनों के हाथ में मोबाइल फोन थे, जिस पर उनके रिश्तेदारों की तस्वीरें थीं. राजेश ने बताया कि मैंने एक समाचार चैनल पर अपनी मां की तस्वीर देखी और उन्हें पहचान लिया. वह हमारे गांव के दो दर्जन अन्य लोगों के साथ यहां सत्संग में शामिल होने आई थीं. अंशु और पवन कुमार खाली दूध के कंटेनरों से लदे अपने छोटे पिकअप ट्रक में सीएचसी के पास इंतजार कर रहे थे. उन्हें उम्मीद थी कि वे अपने चचेरे भाई के लापता पिता गोपाल सिंह (40) को ढूंढ लेंगे.

एंबुलेंस घटी तो ट्रक और कार पर लाए गए घायल

इससे पहले दिन में जिले के सिकंदराराऊ ट्रॉमा सेंटर के बाहर दिल दहला देने वाले दृश्य सामने आए, जहां मृत या बेहोश पीड़ितों को एंबुलेंस, ट्रक और कारों में लाया गया. एक महिला ट्रक में पांच या छह शवों के बीच बैठी रो रही थी. लोगों से अपनी बेटी के शव को वाहन से बाहर निकालने में मदद करने का आग्रह कर रही थी. अस्पताल के बाहर एक उत्तेजित युवक ने कहा कि लगभग 100-200 लोग हताहत हुए हैं और अस्पताल में केवल एक डॉक्टर था. ऑक्सीजन की कोई सुविधा नहीं थी. कुछ लोग अभी भी सांस ले रहे हैं, लेकिन उचित उपचार की सुविधा नहीं है.

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