Hathras Stampede Case: ‘होनी को कौन टाल सकता है’, हाथरस हादसे पर बोले सूरजपाल उर्फ भोले बाबा

Hathras Stampede Case: उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के बाद मची भगदड़ की घटना पर सूरजपाल उर्फ भोले बाबा का गैर जिम्मेदाराना बयान सामने आया है.

By ArbindKumar Mishra | July 17, 2024 7:39 PM

Hathras Stampede Case: स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा ने हाथरस भगदड़ मामले में बयान दिया है. उन्होंने घटना के पीछे साजिश बताया. बाबा ने कहा, कोई न कोई साजिश हुई है. हालांकि इस दौरान उन्होंने गैर जिम्मेदाराना बयान भी दिया और कहा, होनी को कौन टाल सकता है.

2 जुलाई की घटना से परेशान हूं

सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा ने कहा, 2 जुलाई की घटना से परेशान हूं. उन्होंने कहा, मामले की जांच एसआईटी कर रही है और हमें एसआईटी पर पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा, उन्हें लोग बदनाम कर रहे हैं.

कासगंज पहुंचे स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ हरि नारायण साकार

उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के बाद मची भगदड़ की घटना के बाद सुर्खियों में आये स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा बुधवार को कासगंज के पटियाली स्थित अपने आश्रम पहुंचे. भोले बाबा के वकील एपी सिंह ने कासगंज में मीडिया से बातचीज में कहा, भोले बाबा अपने आश्रम पहुंच गए हैं और यहीं रहेंगे. वह यहां आश्रम से ही आए हैं. वह कभी किसी के घर, होटल या किसी दूसरे देश में नहीं गए. उन्होंने कहा कि कासगंज बाबा की जन्मस्थली है और वह आखिरी बार 2023 में एक दिन के लिए यहां आए थे और इससे पहले वे 2013 में यहां आए थे.

2 जुलाई को भोले बाबा के सत्संग के बाद मची थी भगदड़, 121 लोगों की गई थी जान

हाथरस के सिकंदराराऊ इलाके में दो जुलाई को स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गयी थी. राज्य सरकार ने घटना की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) और न्यायिक आयोग का गठन किया है. भगदड़ के मामले में दर्ज मुकदमे में बाबा का नाम आरोपी के तौर पर शामिल नहीं था. एसआईटी ने गत जुलाई को राज्य सरकार को सौंपी गयी अपनी रिपोर्ट में भगदड़ के पीछे किसी बड़ी साजिश से इनकार नहीं किया. एसआईटी रिपोर्ट में स्थानीय प्रशासन की ओर से चूक की ओर भी इशारा किया गया. रिपोर्ट में भगदड़ के लिए आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया गया और दावा किया गया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गयी थी.

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