सुप्रीम कोर्ट ने हाथरस भगदड़ मामले की जांच कराने संबंधी याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने से इनकार कर दिया. याचिकाकर्ता को इलाहाबाद हाई कोर्ट का रुख करने के लिए कहा गया है. 2 जुलाई को हुई इस भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी जिसकी जांच को लेकर याचिका दी गई थी. प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि ऐसी घटनाएं परेशान कर देने वाली हैं लेकिन हाई कोर्ट ऐसे मामलों का निपटारा करने में समर्थ है.
पीठ ने कहा कि बेशक, ये परेशान करने वाली घटनाएं हैं. आमतौर पर ऐसी घटनाओं को बड़ा मुद्दा बनाने के लिए याचिकाएं दायर की जाती हैं. हाई कोर्ट ऐसे मामलों का निपटारा कर सकता है. याचिका खारिज की जाती है. कोर्ट ने वकील एवं याचिकाकर्ता विशाल तिवारी को हाथरस भगदड़ की जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने को कहा.
क्या कहा याचिकाकर्ता विशाल तिवारी ने
याचिकाकर्ता विशाल तिवारी ने कहा कि ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए उचित चिकित्सा सुविधा मौजूद नहीं थी. यह मुद्दा पूरे भारत में चिंता का विषय है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले की सुनवाई कर सकता है. प्रधान न्यायाधाीश ने याचिकाकर्ता की इस दलील को खारिज कर दिया.
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उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की
उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस कार्यक्रम के आयोजकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. इसमें उन पर सबूत छिपाने और शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है. कार्यक्रम में 2.5 लाख लोग इकट्ठा हुए थे, जबकि केवल 80,000 लोगों के लिए ही अनुमति दी गई थी.