देहरादून : हरिद्वार कुंभ मेला-2021 में आने वाले श्रद्धालुओं को फर्जी कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट जारी करने का खुलासा होने के बाद उत्तराखंड में प्रशासनिक और सरकारी स्तर पर हड़कंप मचा हुआ है. राज्य में इस फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से सफाई भी दी जा रही है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से कहा जा रहा है कि गलत डाटा फीड करने के मामले में संज्ञान लिया गया है और इसकी जांच की जा रही है.
कुंभ मेले में श्रद्धालुओं को फर्जी नेगेटिव सर्टिफिकेट जारी किए जाने के मामले में हरिद्वार कुंभ मेला-2021 के स्वास्थ्य अधिकारी अरुण सिंह सेंगर ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि गलत डाटा दर्ज होने का संज्ञान लिया गया है. इसकी जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि जांच के बाद तथ्य सामने आएंगे और गलत डाटा डाला गया होगा, तो कार्रवाई होगी. सेंगर ने बताया कि जांच एजेंसी को दो निजी प्रयोगशालाओं में सैंपल जमा कराने थे. फिलहाल, दोनों लैब की जांच की जा रही है.
वहीं हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एसके झा ने कुंभ मेले में फर्जी टेस्टिंग मामले में समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि अभी टिप्पणी करना ठीक नहीं है. इसकी जांच की जा रही है. अगर कुछ गलत हुआ है, तो जांच में खुलासा होगा. हरिद्वार के जिलाधिकारी ने सी रविशंकर ने कहा कि फिलहाल जांच की जा रही है और एजेंसियों के लंबित भुगतान पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी गई है.
बता दें कि हरिद्वार कुंभ मेला में एक एजेंसी द्वारा कोरोना नेगेटिव सर्टिफिकेट जारी करने को लेकर उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ा खुलासा किया है. स्वास्थ्य विभाग ने अपनी शुरुआती जांच में पाया है कि मेले में दिखाए गये चार लाख नेगेटिव रिपोर्ट जाली थे. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से 1600 पन्नों की रिपोर्ट भी पेश की गई है, जिसकी जांच चल रही है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि एक निजी एजेंसी द्वारा हरिद्वार के कुंभ मेले में आने वाले करीब एक लाख श्रद्धालुओं को जाली कोरोना निगेटिव सर्टिफिकेट जारी किये गये थे.
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि उदाहरण के तौर पर देखें, तो एक फोन नंबर के जरिये कम से कम 50 से अधिक लोगों का रजिस्ट्रेशन कराया गया. अधिकारी ने बताया कि नेगेटिव रिपोर्ट जारी करने के लिए जिस फोन नंबर का इस्तेमाल किया गया, वह भी फर्जी निकला. इसका कारण यह है कि कानपुर, मुंबई और अहमदाबाद समेत देश के करीब 18 जगहों के श्रद्धालुओं के लिए एक ही फोन नंबर का इस्तेमाल किया गया.
अधिकारी ने यह भी बताया कि एक एंटीजन टेस्ट किट के जरिए करीब 700 लोगों के सैंपल की जांच की गई. उन्होंने बताया कि एक एंटीजन टेस्ट किट में एक यूनिक नंबर होता है, जो एक बार ही इस्तेमाल किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि जांच कराने के लिए नाम और पते भी गलत दर्ज किए गए. वे सभी नाम काल्पनिक थे. एक रिपोर्ट के अनुसार, हरिद्वार के मकान नंबर पांच से करीब 500 सैंपल इकट्ठा किए गए. तब सवाल यह उठता है कि आखिर एक घर में क्या 500 लोग रह रहे थे? पते भी अजीब तरह के लिखाए गए हैं, जैसे हाउस नंबर-56 अलीगढ़, हाउस नंबर-76 मुंबई आदि.
Posted by : Vishwat Sen