‘मई के अंत से भारत में ही तैयार होने लगेगी कोविड-19 की जांच के लिए रैपिड टेस्ट किट’

स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए रैपिड टेस्ट किट का भारत में ही अगले महीने के अंत तक निर्माण शुरु हो सकेगा.

By KumarVishwat Sen | April 28, 2020 9:57 PM

नयी दिल्ली : स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण की जांच के लिए रैपिड टेस्ट किट का भारत में ही अगले महीने के अंत तक निर्माण शुरु हो सकेगा. इसके साथ ही, देश में कोविड-19 के संक्रमण की परीक्षण क्षमता एक लाख प्रतिदिन तक पहुंचाने के लक्ष्य की भी प्राप्ति हो सकेगी. डॉ हर्षवर्धन ने मंगलवार को जैव प्रौद्योगिकी विभाग और इससे संबंधित शोध संस्थाओं के शीर्ष अधिकारियों के साथ कोरोना वायरस के खिलाफ अभियान में तकनीकी संसाधनों को विकसित करने के लिए चलाये जा रहे कार्यों की समीक्षा बैठक के बाद यह जानकारी दी.

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मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, डॉ हर्षवर्धन ने इस दिशा में वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि देश में आगामी मई के अंत तक स्वदेशी तकनीक पर आधारित त्वरित परीक्षण एंटीबॉडी किट और आरटीपीएस किट का निर्माण शुरू हो जायेगा. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही, मई के अंत तक कोरोना वायरस संक्रमण के प्रतिदिन एक लाख परीक्षण करने के लक्ष्य को प्राप्त करना संभव हो जाएगा. इस दौरान उन्होंने वैज्ञानिकों से कोरोना वायरस का टीका, नयी दवा और इलाज की पद्धति एवं अन्य जरूरी चिकित्सा उपकरण विकसित करने के लिए तेजी से काम करने का आग्रह किया.

उन्होंने बताया कि टीका विकसित करने संबंधी लगभग आधा दर्जन परीक्षण के प्रयास चल रहे हैं और इनमें से चार उन्नत चरण में हैं. उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा इस दिशा में 150 से अधिक स्टार्टअप सॉल्यूशन को सहायता दी जा रही है. बैठक में विभाग की सचिव डॉ रेणु स्वरूप ने कोरोना वायरस संक्रमण के चिकित्सकीय समाधान खोजने की दिशा में जारी प्रयासों की जानकारी दी.

बता दें कि भारत ने चीनी कंपनियों को कई हजार टेस्ट किट और लाखों व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट का ऑर्डर दिया था. हालांकि, कई राज्य सरकारों ने वोंडफो और लिवजोन की किट से आने वाले परिणामों में व्यापक भिन्नता की सूचना दी थी, जिसके बाद सोमवार को आईसीएमआर ने इन पर रोक लगा दी थी.

उधर, भारत की ओर से चीनी किट पर रोक लगाए जाने के बाद मंगलवार को चीनी दूतावास की प्रवक्ता जी रोंग ने अपनी सफाई में कहा कि हम आकलन के परिणामों और आईसीएमआर के फैसले से बेहद चिंतित हैं. चीन निर्यात किये गये चिकित्सा उपकरणों की गुणवत्ता को बहुत महत्व देता है. एक बयान में उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोगों द्वारा चीनी उत्पादों को ‘खराब’ बताना और मुद्दों को पूर्वाग्रह के साथ देखना अनुचित एवं गैर जिम्मेदाराना है.

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