नई दिल्ली : भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के उप महानिदेशक डॉ राजीव बहल और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राज्यों को चिट्ठी लिखी गई है. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने शनिवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को फरवरी के मध्य से देश भर में कोरोना मामलों की संख्या में सिलसिलेवार वृद्धि के बीच कोविड-19 के लिए टेस्टिंग को जारी रखने का निर्देश दिया है. उधर,आईसीएमआर के उप महानिदेशक डॉ राजीव बहल ने मौसमी इन्फ्लूएंजा के मामलों के विकसित होने के कारणों पर कड़ी नजर रखने का सुझाव दिया है, क्योंकि फ्लू और कोविड-19 दोनों में विभिन्न आधारों पर कई प्रकार की समानताएं हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने महसूस किया कि कुछ राज्य कोविड-19 के खिलाफ कम प्रभावी रैपिड एंटीजन टेस्टों पर अत्यधिक निर्भर रहे हैं और यह भी कि जिला और ब्लॉक स्तरों पर किए गए परीक्षणों की संख्या में भिन्नता है. पिछले कई हफ्तों में कुछ राज्यों में कोविड-19 टेस्ट में गिरावट आई है और वर्तमान टेस्ट का स्तर डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित मानकों की तुलना में अपर्याप्त हैं यानी 140 प्रति मिलियन. इसलिए, कोरोना के लिए टेस्ट को जारी रखना महत्वपूर्ण है. डॉ राजीव बहल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य और अनुसंधान विभाग के सचिव भी हैं. उन्होंने एक बयान में कहा कि किसी भी उभरते हुए हॉटस्पॉट की पहचान करना और इसके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करना महत्वपूर्ण है.
DG ICMR Dr Rajiv Bahl and Secy, MoHFW Rajesh Bhushan write to all States/UTs on maintaining optimum testing for Covid-19 pic.twitter.com/xS5ycvqYa1
— ANI (@ANI) March 25, 2023
बता दें कि शनिवार को भारत में कोरोना के 1,500 नाए मामले दर्ज किए गए, जो 146 दिनों में सबसे अधिक थे. इसी तरह, सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 8,601 तक पहुंच गई है. वहीं, कोरोना से छह लोगों की मौत होने के साथ मरने वालों की संख्या बढ़कर 5,30,824 हो गई.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी कहा कि उनकी तैयारियों का जायजा लेने के लिए 10 और 11 अप्रैल को देश भर में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि 27 मार्च सोमवार को होने वाली वर्चुअल बैठक में मॉक ड्रिल का सटीक विवरण राज्यों को सूचित किया जाएगा. इससे पहले, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कोविड संक्रमण के प्रसार की जांच करने के लिए ‘परीक्षण, ट्रैक, उपचार, कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने और टीकाकरण’ के लिए पांच गुना रणनीति लागू करने की सलाह दी थी.