COVID19 : अस्पताल से डिस्चार्ज करने की नीति में बदलाव, जानें अब क्या होगी प्रक्रिया
Health Ministry informed discharge policy of COVID19 patient changed : देश का हेल्थ बुलेटिन जारी करते हुए स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि सरकार ने अस्पताल से डिस्चार्ज करने की नीति में थोड़ा बदलाव किया है. जिसके तहत सरकार ने यह तय किया है कि माइल्ड और बिना लक्षण वाले संक्रमित मरीजों को अस्पताल में रहते हुए अगर 10 दिन हो जाये और तीन दिनों तक बिना दवा के बुखार ना आये तो उन्हें अस्पताल से बिना दोबारा जांच किये डिस्चार्ज कर दिया जायेगा.
देश का हेल्थ बुलेटिन जारी करते हुए स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने यह बताया कि सरकार ने अस्पताल से डिस्चार्ज करने की नीति में थोड़ा बदलाव किया है. जिसके तहत सरकार ने यह तय किया है कि माइल्ड और बिना लक्षण वाले संक्रमित मरीजों को अस्पताल में रहते हुए अगर 10 दिन हो जाये और तीन दिनों तक बिना दवा के बुखार ना आये तो उन्हें अस्पताल से बिना दोबारा जांच किये डिस्चार्ज कर दिया जायेगा. डिस्चार्ज के बाद भी मरीज को सात दिनों तक होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गयी है. लव अग्रवाल ने बताया कि कई देशों ने लक्षण और समय के आधार पर अपने रणनीति में बदलाव किया है और हमने भी ऐसा ही किया है. धर्म के आधार पर कोरोना वायरस के संक्रमण की मैपिंग की खबरों पर लव अग्रवाल ने कहा कि यह बहुत ही गैरजिम्मेदाराना समाचार है. यह वायरस जाति, धर्म और समुदाय के आधार पर अपना संक्रमण नहीं फैलाता है.
वंदे भारत मिशन के तहत 4000 भारतीयों को वापस लाया गया : वंदे भारत मिशन के तहत 23 विमानों से 4000 भारतीयों को वापस लाया गया, जबकि पांच लाख प्रवासी मजदूरों को 468 ट्रेन के जरिये उन्हें घर वापस भेजा. कल 101 स्पेशल ट्रेन चलायी गयी. इस बात की जानकारी गृहमंत्रालय की ओर से दी गयी.
आरोग्य सेतु एप कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अहम : आरोग्य सेतु एप ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है. इस एप ने लोगों को ना सिर्फ स्व मूल्यांकन की सुविधा दी है, साथ ही यह खतरे में रहने वाले लोगों को अलर्ट भी करता है. इस एप के जरिये हम पॉजिटिव मरीजों के डाटा का अध्ययन करते हैं और इसके जरिये हॉटस्पॉट बनने से रोका जा सकता है. इस एप में डाटा की निजता का बहुत ध्यान रखा जाता है और किसी के डाटा का भी गलत इस्तेमाल संभव नहीं है. 9.8 लोगों ने आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड किया है, जिनमें से सिर्फ 13 हजार लोगों का डाटा सर्वर तक ले जाया गया है.