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स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया – देश में 20% मरीजों की स्थिति गंभीर, 80% मामले सामान्य लक्षण वाले

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस पर रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि देश में अभी तक कोरोना के 80% मामले ऐसे हैं, जिनमें लक्षण बेहद सामान्य है.केवल 20% मामले गंभीर स्थिति में है.संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि देश में कोरोना के मरीजों का इलाज तीन चरणों में किया जा रहा है.पहले चरण में संदिग्ध मरीजों को क्वारैंटाइन सेंटर में रखा जाता है. पॉजिटिव केस आने पर उन्हें कोविड हेल्थ केयर सेंटर में शिफ्ट कर दिया जाता है. यहां भी आईसीयू की सुविधा होती है.

नयी दिल्ली : स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस पर रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि देश में अभी तक कोरोना के 80% मामले ऐसे हैं, जिनमें लक्षण बेहद सामान्य है.केवल 20% मामले गंभीर स्थिति में है.संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि देश में कोरोना के मरीजों का इलाज तीन चरणों में किया जा रहा है.पहले चरण में संदिग्ध मरीजों को क्वारैंटाइन सेंटर में रखा जाता है. पॉजिटिव केस आने पर उन्हें कोविड हेल्थ केयर सेंटर में शिफ्ट कर दिया जाता है. यहां भी आईसीयू की सुविधा होती है.

लव अग्रवाल ने कहा कि इसमें अगर कोई गंभीर मरीज होता है तो उन्हें डेडीकेटेड कोविड अस्पताल में भर्ती कराया जाता है. ऐसे मरीजों की संख्या 15 प्रतिशत ही होती है उन्होंने बताया पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 909 नए मामले सामने आए है.इस दौरान 34 लोगों की मौत हुई है.

संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया 29 मार्च को, हमारे पास 979 पॉजिटिव मामले थे, अब हमारे पास 8356 पॉजिटिव मामले हैं. इन 20% मामलों के लिए ICU की आवश्यकता है तो वहीं 1671 मरीजों को ऑक्सीजन सहायता और महत्वपूर्ण देखभाल उपचार की आवश्यकता है.मलतब आज की डेट में कोविड-19 अस्पताल में 1671 बेड की ही जरूरत है, लेकिन हमारे पास 1 लाख 5 हजार 600 से अधिक बेड उपलब्ध हैं

गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिल श्रीवास्तव ने बताया कि केंद्रीय स्तर पर लॉकडाउन से उत्पन्न परेशानी को कम करने के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है.इसमें रेलवे, सिविल एविएशन के अधिकारी मिलकर राज्यों में आ रही सभी परेशानियां सुलझा रहे हैं.गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों से कहा कि इंट्रा स्टेट ट्रांसपोर्टेशन को नहीं रोका जाए और जिले स्तर पर जरूरी सेवा देने वाली सभी कंपनियों के कर्मचारियों को भी पास जारी किया जाए

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के डॉक्टर मनोज मुरेकर ने बताया हर दिन 15 हजार सैंपल की जांच हो रही है. संक्रमितों के संपर्क में आने वाले लोगों और संदिग्धों की ट्रेसिंग तेज कर दी गई है.उन्होंने बताया की 40 से अधिक टीको पर काम किया जा रहा है लेकिन कोई भी अगले चरण में नहीं पहुंचा है.

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