यूजीसी के गाइड लाइन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज, क्या यूजीसी को लेना पड़ेगा अपना फैसला वापस ?
विश्व विद्यालय अनुदान आयोग यानी कि यूजीसी की गाइड लाइंस और फाइनल ईयर परीक्षाओं को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी
विश्व विद्यालय अनुदान आयोग यानी कि यूजीसी की गाइड लाइंस और फाइनल ईयर परीक्षाओं को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी, कोविड- 19 महामारी के समय में देश भर के विश्व विद्यालयों और शिक्षण संस्थानों में लास्ट ईयर की परीक्षाओं को चुनौती देने के मामले पर आज जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई करेगी.
दरअसल 6 जुलाई को यूजीसी ने एक गाइड लाइंस जारी की थी जिसमें उन्होंने सभी विश्व विद्यालयों और शिक्षण संस्थानों को ये निर्देश दिया था कि वो अपनी फाइनल ईयर की परीक्षा सितंबर तक करा लें लेकिन छात्रों की मांग है कि फाइनल ईयर की परीक्षा रद्द कर दी जाए और उनके प्रदर्शन के आधार पर उनका मूल्याकन हो. इसके बाद जब मामला नहीं सुन गया तब विभिन्न विश्व विद्यालय के 31 छात्र ने सुप्रीम कोर्ट की ओर अपना रुख किया.
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छात्रों की मांग यह भी है कि परीक्षा का रिजल्ट 31 जुलाई से पहले जारी कर दी जाए. मामला यह है जिन छात्रों ने यूजीसी के इस गाइड लाइंस का विरोध किया है वो पहले से कोरोना पाया गया है जिसके बाद छात्र ये मांग उठाने लगे कि वो भी सीबीएसई के पैटर्न को फॉलो कर बिना फाइनल ईयर की परीक्षा दिए ही उनका इंटरनल असेसमेंट के आधार पर ही मार्क्स दें.
इस मामले पर यूजीसी का कहना है कि उन्होंने ज्यादातर विश्व विद्यालय के स्टेटस जाना है, जिसमें से 818 विश्व विद्यालयों की जानकारी मिल चुकी है. इनमें से 603 विश्व विद्यालय या तो परीक्षा करा चुके हैं या फिर परीक्षा कराने की योजना बना रहे हैं. इनमें से 209 विश्व विद्यालय परीक्षा कर चुके हैं और शेष बचे 394 विश्व विद्यालय ऑन लाइन या ऑफ लाइन माध्यम से परीक्षा कराने की योजना बना रहे हैं. यूजीसी ने इस पर कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि उनके इस फैसले को न मानने वाले छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा. उनका कहना है मानव संसाधन विकास मंत्रालय से विचार विमर्श करने के बाद ही परीक्षाएं आयोजित करने का निर्णय लिया गया है.
posted by : sameer oraon