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स्थायी कमीशन पर सुनवाई आज, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद लाभ नहीं मिलने का लगाया आरोप

Permanent commission, Supreme court, Female army officer : नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट आज भारतीय सेना की महिला अधिकारियों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की जायेगी. याची महिलाओं ने अपनी याचिका में आरोप लगाया गया है कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बावजूद सेना ने अभी तक महिला अधिकारियों को 50 फीसदी तक स्थायी आयोग प्रदान नहीं की है.

By Kaushal Kishor | January 27, 2021 10:01 AM

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट आज भारतीय सेना की महिला अधिकारियों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की जायेगी. याची महिलाओं ने अपनी याचिका में आरोप लगाया गया है कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बावजूद सेना ने अभी तक महिला अधिकारियों को 50 फीसदी तक स्थायी आयोग प्रदान नहीं की है.

मालूम हो कि करीब 15 साल से अधिक चली लंबी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी, 2020 को ऐतिहासिक फैसला देते हुए कहा था कि थल सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन दिया जाये.

सुनवाई के दौरान अदालत ने केंद्र सरकार की दलीलों को खारिज कर दिया था कि महिला अधिकारियों को शारीरिक आधार और सामाजिक चलन के आधार पर स्थायी कमीशन नहीं देने की बात कही गयी थी.

सेना की 11 महिला अफसरों ने सेना के अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि शीर्ष न्यायालय के निर्देशों का अक्षरश: पालन नहीं किया गया है. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ करेगी.

महिला सैन्य अधिकारियों ने याचिका में आरोप लगाया है कि प्रतिवादी संस्था महिला अधिकारियों को अधिकारों से वंचित करने के लिए तकनीकी और प्रक्रियागत औपचारिकाताओं के जाल बुन कर असमान व्यवहार के अपने रुख पर अड़ी है.

साथ ही केंद्र सरकार के व्यवहार पर उन्होंने कहा है कि महिला अधिकारियों के साथ मनोवैज्ञानिक खेल खेला जा रहा है रही है, ताकि उन्हें स्थायी कमीशन, पदोन्नति और लाभ प्रदान करने की संभावनाओं से बचा जा सके.

महिला अधिकारियों ने समयावधि के आधार पर कर्नल रैंक प्रदान करने और लंबित वित्तीय बकायों का भुगतान करने समेत निष्पक्ष नीति लागू करने के लिए अदालत से निर्देश देने की मांग की है.

किन महिलाओं को मिल सकता है स्थायी कमीशन? क्या है स्थायी कमीशन और शाॅर्ट सर्विस कमीशन?

सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के लिए केंद्र सरकार की 2019 की नीति सभी महिला अधिकारियों पर लागू होती है. यह चुननेवाली किसी भी महिला अधिकारी के लिए लागू होती है. सभी महिला अधिकारियों के लिए 14 साल या अधिक की सेवा देने के लिए शारीरिक क्षमता होनी चाहिए. सेना और नेवी में महिलाएं पहले शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत काम करती थीं. मालूम हो कि शॉर्ट सर्विस कमीशन का मतलब होता है कि 10 वर्ष की अवधि के लिए सेवा है. हालांकि, कार्यकाल को 14 वर्ष तक के लिए बढ़ाया जा सकता है.

स्थायी कमीशन मिलने के फायदे

स्थायी कमीशन मिलने के कई फायदे हैं. इसका अर्थ है कि अब कोई अधिकारी सेवानिवृत्ति की उम्र तक सेना में काम कर सकता है. साथ ही पेंशन पाने का भी हकदार होगा. महिला अधिकारी 20 साल कर सेवा दे सकेंगी. शॉर्ट सर्विस कमीशन में काम करनेवाली महिला अधिकारी भी स्थायी कमीशन में जा सकती हैं.

सेना के किन-किन क्षेत्रों में महिलाओं को मिलेगा स्थायी कमीशन

सेना में महिला अधिकारियों को न्यायाधीश एडवोकेट जनरल, सेना शिक्षा कोर, सिग्नल, इंजीनियर, आर्मी एविएशन, आर्मी एयर डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर, आर्मी सर्विस कॉर्प्स, आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प्स और इंटेलिजेंस कोर में स्थायी कमीशन दिये जाने की बात कही गयी है.

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