फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रवर्तक शिविन्दर मोहन सिंह की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 11 नवंबर को सुनवाई करेगा. याचिकाकर्ता पर आरोप है कि उसने रेलीगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड की 2397 करोड़ रुपये की राशि की हेराफेरी की है.
मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने दिल्ली पुलिस की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के अनुरोध पर सुनवाई स्थगित कर दी और अगली सुनवाई के लिए गुरुवार की तारीख तय की.
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शीर्ष अदालत गत 25 अक्तूबर को इस मामले को फिर से सुनवाई के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में भेजना चाहती थी, लेकिन दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा मामले की गंभीरता का उल्लेख करने के बाद इसने खुद ही सुनवाई करने का निर्णय लिया था. इससे पहले भी उन्होंने जमानत के लिए याचिका दायर की जिसे रद्द कर दिया गया.
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अदालत ने इस मामले में पुलिस से सवाल किया था कि इसमें और कितना वक्त लगेगा. इस मामले में सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी थी कि वह पिछले दो सालों से जेल में हैं. अगर इस मामले की पुलिस जांच करना चाहती है तो करे इसके लिए आरोपी का जेल में रहना जरूरी नहीं है. इस मामले में पहले ही दो आरोप पत्र दायर किये जा चुके हैं.