नई दिल्ली : पाकिस्तान की वजह से देश की राजधानी दिल्ली समेत उत्तर-पश्चिम भारत के लोगों के लिए अगला दो दिन भारी पड़ने वाला है. मानूसन के शुरुआती महीने आषाढ़ में उत्तर-पश्चिम भारत के विभिन्न राज्यों के लोगों को अगले दिन तक लू का कहर झेलना पड़ेगा. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने चेतावनी जारी की है कि देश की राजधानी दिल्ली समेत उत्तर-पश्चिम भारत में लू का कहर जारी रहेगा.
मौसम विज्ञान विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार, अगले दो दिनों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत के पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान, उत्तर प्रदेश और उत्तर पश्चिमी मध्य प्रदेश में लू चलने की संभावना है. मौसम विज्ञान विभाग ने कहा है कि यह मुख्य रूप से निचले स्तरों पर पाकिस्तान से उत्तर-पश्चिम भारत की ओर बहने वाली शुष्क पश्चिमी और दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के कारण भारत के इन राज्यों में लू का असर देखने को मिलेगा.
मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि मौजूदा मौसम संबंधी स्थितियां, बड़े पैमाने पर वायुमंडलीय विशेषताएं और गतिशील मॉडल द्वारा पूर्वानुमानित हवा के पैटर्न से पता चलता है कि इस दौरान राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और पंजाब के शेष हिस्सों में अगले 5-6 दिन दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए कोई अनुकूल परिस्थितियों के विकसित होने की संभावना नहीं है. इसलिए, अगले 5-6 दिनों के दौरान प्रायद्वीपीय भारत के उत्तर-पश्चिम, मध्य और पश्चिमी हिस्सों में कम बारिश की गतिविधि जारी रहने की संभावना है.
विभाग ने कहा कि पश्चिमी राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली में अधिकांश स्थानों पर अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस (डिग्री सेल्सियस) से अधिक दर्ज किया गया. वहीं, पंजाब में कई जगहों पर, पूर्वी राजस्थान, पश्चिम मध्य प्रदेश में कुछ स्थानों पर और उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर अधिकतम तापमान 40 डिग्री से अधिक रहा. बुधवार को राजस्थान के गंगानगर में अधिकतम तापमान 45.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
मौसम विभाग की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया है कि पश्चिम राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में लू की स्थिति गंभीर रहने की संभावना है. विभाग ने कहा कि गुरुवार को हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली के अलग-अलग हिस्से, पंजाब के कुछ हिस्सों में, जम्मू, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में लू की गंभीर स्थिति बनी हुई है.
इसके साथ ही बंगाल की खाड़ी से उत्तर-पूर्व और उससे सटे पूर्वी भारत तक निचले क्षोभमंडल में तेज और नम दक्षिण-पश्चिमी हवाओं के दबाव की वजह से अगले पांच दिनों के दौरान बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और पूर्वोत्तर राज्यों में व्यापक तरीके से भारी बारिश होने की संभावना है.
Posted by : Vishwat Sen