Heavy Rain: दिल्ली और गुजरात पर मंडराया बाढ़ का खतरा, अमित शाह ने दोनों राज्यों की स्थिति का लिया जायजा

राष्ट्रीय राजधानी में यमुना नदी का जलस्तर रविवार को एक बार फिर खतरे के निशान के पार चला गया. उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश के बाद हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ गया है.

By ArbindKumar Mishra | July 23, 2023 1:40 PM

दिल्ली और गुजरात में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. इसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी चिंता सताने लगी है. शाह ने बाढ़ की स्थिति को लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री और दिल्ली के उपराज्यपाल से फोन पर बात की और स्थिति के बारे में जानकारी ली.

गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर दी जानकारी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर बताया, गुजरात में हुई भारी बारिश के कारण विभिन्न हिस्सों में उत्पन्न बाढ़ जैसी स्थिति के बारे में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से बात की. उन्होंने आगे बताया, दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना जी से भी यमुना नदी के जल स्तर को लेकर चर्चा हुई. जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए पर्याप्त संख्या में एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें उपलब्ध हैं.

यमुना फिर खतरे के निशान के पार, बाढ़ की आशंका

राष्ट्रीय राजधानी में यमुना नदी का जलस्तर रविवार को एक बार फिर खतरे के निशान के पार चला गया. उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश के बाद हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ गया है. अधिकारियों ने कहा कि नदी के जलस्तर में वृद्धि से राष्ट्रीय राजधानी के बाढ़ प्रभावित निचले इलाकों में राहत एवं पुनर्वास के काम पर असर पड़ सकता है.

यमुना का जलस्तर 206.7 मीटर तक पहुंचा तो कई हिस्से हो जायेंगे जलमग्न

राजस्व मंत्री आतिशी ने शनिवार को कहा था कि हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण बाढ़ के खतरे के मद्देनजर दिल्ली सरकार हाई अलर्ट पर है. उन्होंने आशंका जताई थी कि अगर जलस्तर 206.7 मीटर तक पहुंचता है, तो यमुना खादर के कुछ हिस्से जलमग्न हो सकते हैं. यमुना का जलस्तर पिछले कुछ दिनों से 205.33 मीटर के खतरे के निशान के आसपास है. 13 जुलाई को यह रिकॉर्ड 208.66 मीटर पर पहुंच गया था.

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यमुना का जलस्तर 205.96 मीटर पर पहुंचा

केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के आंकड़ों के अनुसार, यमुना का जलस्तर शनिवार रात 10 बजे 205.02 मीटर से बढ़कर रविवार सुबह नौ बजे 205.96 मीटर पर पहुंच गया और इसके शाम चार बजे तक 206.7 मीटर तक पहुंचने की संभावना है.

25 जुलाई को हिमाचल और उत्तराखंड में भारी बारिश की संभावना

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 25 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया है. सीडब्ल्यूसी के आंकड़ों के मुताबिक, यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज में जल प्रवाह की दर शनिवार सुबह नौ बजे एक लाख के आंकड़े के पार चली गई और सुबह 10 बजे से शाम चार बजे के बीच दो लाख से 2.5 लाख क्यूसेक के बीच रही. इसके बाद से जल प्रवाह की दर 1.5 लाख क्यूसेक से दो लाख क्यूसेक के बीच है.

दिल्ली में बाढ़ की स्थिति से पुनर्वास पर पड़ेगा असर

दिल्ली सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के ऊपरी हिस्सों में भारी बारिश से निचले इलाकों में प्रभावित परिवारों के पुनर्वास पर असर पड़ेगा और उन्हें लंबे समय तक राहत शिविरों में रहना पड़ सकता है. इससे शहर में जल आपूर्ति पर भी असर पड़ सकता है, जो वजीराबाद पंप हाउस में बाढ़ के कारण चार-पांच दिन तक प्रभावित रही थी और मंगलवार को ही जल आपूर्ति सामान्य हो पाई. पंप हाउस वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला शोधन संयंत्र में अशोधित जल की आपूर्ति करता है. ये संयंत्र शहर को करीब 25 फीसदी जल की आपूर्ति करते हैं.

विदर्भ में भारी बारिश, यवतमाल और बुलढाणा में बाढ़ के पानी में कमी आई

महाराष्ट्र में विदर्भ क्षेत्र के अकोला में भारी बारिश का सिलसिलाजारी है और शनिवार को ही जिले में 100 मिलीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गई. उन्होंने बताया कि विदर्भ के यवतमाल जिले में महागांव तहसील के आनंदनगर टांडा गांव में बाढ़ के कारण फंसे करीब 110 लोगों को शनिवार को बचा लिया गया. महाराष्ट्र के राहत और पुनर्वास मंत्री अनिल पाटिल ने स्थिति का जायजा लेने के लिए रविवार को यवतमाल का दौरा किया. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, अमरावती जिले में भारी बारिश की संभावना है, जबकि विदर्भ के अन्य हिस्सों में बादल छाए रहने का अनुमान है. अकोला में 107.9 मिलीमीटर बारिश हुई। वहीं, यवतमाल में इस अवधि में 24 मिलीमीटर, वर्धा में 23.4 मिलीमीटर, अमरावती में 15.6 मिलीमीटर, नागपुर में 6.7 मिलीमीटर, गड़चिरोली में 3.0 मिलीमीटर, गोंदिया में 2.2 मिलीमीटर, ब्रह्मपुरी (चंद्रपुर) में 2.4 मिलीमीटर और बुलढाणा में 2.0 मिलीमीटर पानी बरसा.

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